Delhi Politics: एलजी से नहीं मिली सीएम केजरीवाल को सिंगापुर दौरे की मंजूरी, सिसोदिया ने बताया ओछी राजनीति
Delhi Politics: दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने सीएम अरविंद केजरीवाल की सिंगापुर यात्रा के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ओछी राजनीति के तहत अरविंद केजरीवाल को सिंगापुर जाने नहीं दिया जा रहा है.
Delhi Politics: दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने 1 अगस्त को एक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए सीएम अरविंद केजरीवाल की सिंगापुर यात्रा के आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. एलजी के इस फैसले पर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. मनीष सिसोदिया ने कहा कि ओछी राजनीति के तहत अरविंद केजरीवाल को सिंगापुर जाने नहीं दिया जा रहा है.
महापौरों के सम्मेलन में एक मुख्यमंत्री का शामिल होना ठीक नहीं: एलजी
दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अगले महीने सिंगापुर में होने वाले विश्व शहर सम्मेलन में भाग नहीं लेने की सलाह देते हुए कहा कि यह महापौरों का सम्मेलन है और एक मुख्यमंत्री के लिए इसमें भाग लेना ठीक नहीं होगा. न्यूज एजेंसी भाषा की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि कि वीके सक्सेना अरविंद केजरीवाल की यात्रा के प्रस्ताव को वापस लौटाते हुए कहा कि सम्मेलन में शहरी शासन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जाएगी, जिनपर दिल्ली सरकार के अलावा दिल्ली नगर निगम (MCD), दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) जैसे विविध निकाय काम करते हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के पास विशेष अधिकार नहीं है और एक मुख्यमंत्री के लिए इसमें शामिल होना अनुचित होगा.
सिसोदिया बोले- विदेश मंत्रालय से राजनीतिक अनुमति मांगेंगे
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि उनकी सरकार सीएम केजरीवाल की सिंगापुर यात्रा के लिए राजनीतिक अनुमति मांगने के वास्ते अब सीधे विदेश मंत्रालय का रुख करेगी. हमें उम्मीद है कि वे हमारे अनुरोध को स्वीकार कर लेंगे. एलजी वीके सक्सेना द्वारा अरविंद केजरीवाल को सिंगापुर में विश्व नगर सम्मेलन में शरीक नहीं होने की सलाह दिये जाने के बाद सिसोदिया का यह बयान आया है. सिसोदिया ने कहा कि एलजी ने केजरीवाल को सम्मेलन में शरीक नहीं होने की सलाह दी, क्योंकि यह महापौरों का सम्मेलन है. अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री पूर्व में इस सम्मेलन में शरीक हुए हैं. यहां तक कि प्रधानमंत्री भी राज्य से जुड़े मुद्दों के लिए जाते हैं. यह ओछी राजनीति है.