Pollution Guideline: दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने शुक्रवार को गणेश उत्सव, दुर्गा पूजा और अन्य आगामी त्योहारों के लिए दिशा-निर्देश जारी किया है. समिति की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार मूर्ति निर्माताओं और विक्रेताओं को मूर्तियों के निर्माण के लिए प्राकृतिक मिट्टी और बायोडिग्रेडेबल सामग्री का ही उपयोग करने का निर्देश दिया है. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार कहा गया है कि पीओपी (प्लास्टर ऑफ पेरिस) से बनी मूर्तियों को घाटों और तालाबों में विसर्जन के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी. केवल अधिकारियों द्वारा निर्धारित स्थानों पर ही पीओपी (प्लास्टर ऑफ पेरिस) से बने मूर्तियों को विसर्जित करने की अनुमति दी जाएगी.
जारी दिशा-निर्देश का पालन करना अनिवार्य: दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि यमुना नदी के तट पर मूर्तियों के विसर्जन के दौरान दिशा-निर्देशों में लिखे गए सुरक्षा उपाय का पालन किया जाना हैं. साथ ही यह अपील की गयी है कि मूर्तियों को पानी की बाल्टी या कृत्रिम तालाबों में विसर्जित करें. दिल्ली सरकार ने प्रदुषण की रोकथाम के लिए यह गाइडलाइन जारी की है.
जल प्रदूषण का कारक है प्लास्टर ऑफ़ पेरिस: प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों को तालाब और नदियों में विसर्जित करने से जल प्रदूषण होता है. इन मूर्तियों पर रासायनिक रंगों के प्रयोग से जारी दिशा-निर्देश का पालन करना अनिवार्य: दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि यमुना नदी के तट पर मूर्तियों के विसर्जन के दौरान दिशा-निर्देशों में लिखे गए सुरक्षा उपाय का पालन किया जाना हैं. साथ ही यह अपील की गयी है कि मूर्तियों को पानी की बाल्टी या कृत्रिम तालाबों में विसर्जित करें. दिल्ली सरकार ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए यह गाइडलाइन जारी की है.
दस दिनों तक चलने वाला त्योहार गणेश चतुर्थी और दुर्गा पूजा: दस दिनों तक चलने वाला त्योहार है जो 31 अगस्त को शुरू हुआ और 9 सितंबर को विसर्जन के साथ समाप्त होगा. यह त्योहार भगवान गणेश के जन्म का प्रतीक है. दुर्गा पूजा इस साल 25 सितंबर से शुरू हो रहा है. 10 दिवसीय त्योहार देवी दुर्गा की पूजा का प्रतीक है. त्योहार से महीनों पहले, कारीगर कार्यशालाओं में दुर्गा और उनके बच्चों (लक्ष्मी, सरस्वती, कार्तिक और गणेश) की मूर्तियों को बिना पकी हुई मिट्टी से तराशा जाता है.