राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बिना ‘प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र’ (पीयूसीसी) के वाहन चलाने वाले लोगों पर इस साल 15 अक्टूबर तक डेढ़ लाख से अधिक चालान जारी किए गए. दिल्ली यातायात पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी. यातायात पुलिस द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, इस साल 15 अक्टूबर तक कुल 1,58,762 चालान जारी किए गए, जो पिछले साल इसी अवधि के दौरान जारी चालान की संख्या से 50,662 अधिक है. आकंड़ों के मुताबिक, एक जनवरी से 15 अक्टूबर की अवधि के दौरान 2021 में 52,388 तथा 2022 में 1,08,100 चालान जारी किए गए थे.
यातायात पुलिस के आकंड़ों के मुताबिक, इस साल सबसे अधिक 6,306 चालान दरियागंज सर्कल में जारी किए गए. इसके बाद सरिता विहार में 6,254, राजौरी गार्डन में 5,595, शाहदरा में 5,442 और तिलक नगर में 5,252 में चालान जारी किए गए.
आंकड़ों के मुताबिक, यातायात पुलिस ने सबसे अधिक 69,190 चालान मोटरसाइकिल सवारों को जारी किए. वहीं, स्कूटर चालकों के 49,219, कार चालकों के 33,754 और ऑटोरिक्शा चालकों के 1,556 चालान काटे गए.
यातायात पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, 2019 में कुल 81,246 चालान जारी किए गए, 2020 में 69,199, 2021 में 1,04,369 तथा 2022 में 1,31,799 चालान जारी किए गए.
दिल्ली यातायात पुलिस शहर में वायू प्रदूषण की जांच और नियंत्रण के लिए कई अहम कदम उठा रही है, जिसमें उच्चतम न्यायालय, राष्ट्रीय हरित अधिकरण, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पर्यावरण विभाग/दिल्ली प्रदूषण द्वारा जारी निर्देशों को लागू करना शामिल है.
भारत में चलने वाले वाहनों के लिए वैध पीयूसीसी होना और उनके चालकों के लिए इसकी एक प्रति रखना अनिवार्य है. इसके पीछे मुख्य उद्देश्य केवल उन्हीं वाहनों को सड़कों पर चलने की अनुमति देना है, जो केंद्र सरकार द्वारा विनियमित उत्सर्जन मानदंडों का पालन कर रहे हैं. बयान में कहा गया है कि वैध पीयूसीसी के बिना चलने वाले वाहनों पर 10,000 रुपये के जुर्माने तथा पहली बार गलती करने पर तीन महीने के लिए लाइसेंस रद्द करने का प्रावधान है
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