Delhi Violence : दिल्ली हिंसा मामले में अब तक 167 FIR, 885 लोग गिरफ्तार
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून को लेकर हुए हिंसा मामले में अब तक 167 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है, जबकि 885 लोग या तो गिरफ्तार किया गया.
नयी दिल्ली : उत्तर-पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून को लेकर हुए हिंसा मामले में अब तक 167 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है, जबकि 885 लोग या तो गिरफ्तार किया गया. यह जानकारी दिल्ली पुलिस ने दी.
इसके अलावा सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट लिखने के मामले में 13 केस दर्ज किए गए हैं. आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने को लेकर कई अकाउंट सस्पेंड भी कर दिए गए हैं.
गौरतलब है उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, चांदबाग, मुस्तफाबाद, भजनपुरा, शिव विहार, यमुना विहार इलाकों में हिंसा में 42 लोगों की मौत हुई है और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं.
हिंसा के दौरान संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचा है. उग्र भीड़ ने मकानों, दुकानों, वाहनों, पेट्रोल पंपों को फूंक दिया और स्थानीय लोगों तथा पुलिसकर्मियों पर पथराव किया. हालांकि दंगाग्रस्त उत्तर-पूर्वी दिल्ली में शनिवार को स्थिति शांतिपूर्ण रही और जनजीवन धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगा है. सुरक्षाकर्मियों की व्यापक गश्त के बीच खुलीं कुछ दुकानों से किराने का सामान और दवाइयां खरीदने के लिए लोग अपने घरों से बाहर निकले.
सांप्रदायिक हिंसा में सबसे बुरी तरह प्रभावित इन इलाकों में पिछले पांच दिनों की तुलना में सड़कों पर अधिक वाहन और लोग दिखे. कई इलाकों में शनिवार सुबह से ही नगर निगम के कर्मचारियों को ईंटों, कांच के टुकड़े और जले हुए वाहनों को हटाते देखा गया.
कुछ स्थानों पर, यहां तक कि बुलडोजर का भी इस्तेमाल किया गया क्योंकि मलबे को हाथ से हटाना मुश्किल था. दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बलों के कर्मियों ने लोगों को अपनी दुकानें खोलने के लिए प्रोत्साहित किया और शांति तथा सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की अपील की. सुरक्षाकर्मियों ने जाफराबाद में फ्लैग मार्च किया और मौजपुर तथा फिर नूर-ए-इलाही, यमुना विहार और भजनपुरा की संकरी गलियों में गए, जहां इस सप्ताह के शुरू में भीड़ ने दुकानों, मकानों और वाहनों में तोड़फोड़ की और उनमें आग लगा दी थी.
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के स्कूल अभी भी बंद हैं. हिंसा के मद्देनजर सात मार्च तक स्कूल बंद रहेंगे. अधिकारियों के अनुसार हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में परीक्षाएं आयोजित कराने के लिए स्थिति अनुकूल नहीं है, इसलिए वार्षिक परीक्षाओं को भी स्थगित कर दिया गया है. सुरक्षाकर्मी फ्लैग मार्च निकाल रहे हैं और स्थानीय लोगों का डर खत्म करने के लिए रोज उनसे बातचीत कर रहे हैं.