Delhi vs Centre Government: दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण को लेकर जारी विवाद तूल पकड़ता जा रहा है. मामला एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. इसी कड़ी में बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट के 11 मई के फैसले को नहीं पढ़ा है. मालवीय ने कहा कि अगर अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पढ़ा होता, तो उन्हें पता होता कि उक्त अध्यादेश को बाद में इस रूप में लिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा है कि केंद्र सरकार की ओर से लाए गए अध्यादेश पर केजरीवाल को इतनी ऊर्जा खर्च करने का कोई कारण नहीं है.
नियमों के तहत लाया गया अध्यादेश- अमित: बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पैरा 95 में स्पष्ट रूप से लिखा है कि यदि संसद एनसीटीडी के कार्यक्षेत्र को लेकर कोई कानून बनाती है तो लेफ्टिनेंट गवर्नर के कार्यकारी शक्तियों में कानून के दायरे में बदलाव होगा. इससे आगे जीएनसीटीडी के सेक्शन 49 में भी जिक्र है कि एलजी और मंत्रिमंडल दोनों को किसी खास मौके पर राष्ट्रपति के निर्देशों को अमल में लाना होगा.
There is no reason for so much energy to be spent on the Ordinance brought in by the Central Govt with respect to Delhi.
Had Arvind Kejriwal read the Supreme Court judgement, he would have known that the said Ordinance, to be later taken up as a Bill by the Parliament has its…
— Amit Malviya (@amitmalviya) May 20, 2023
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की पुनर्विचार याचिका: गौरतलब है कि दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण को लेकर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि वह दिल्ली में सेवा विवाद के मुद्दे पर 11 मई के अपने फैसले पर पुनर्विचार करे. दरअसल, भारत की शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि दिल्ली सरकार के पास सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और भूमि मामलों को छोड़कर सेवाओं से संबंधित मामलों में विधायी और कार्यकारी शक्तियां हैं. वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अधिकारियों के तबादले और नियुक्ति से संबंधित केंद्र के अध्यादेश को असंवैधानिक और लोकतंत्र के खिलाफ बताते हुए शनिवार को कहा कि दिल्ली सरकार उच्चतम न्यायालय में केंद्र के इस कदम को चुनौती देगी.
केन्द्र सरकार पर निशाना: अध्यादेश को लेकर दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने कहा है कि सेवाओं के मामले में केंद्र का अध्यादेश असंवैधानिक और लोकतंत्र के खिलाफ है. हम इसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे. उच्चतम न्यायालय के अवकाश के लिए बंद होने के कुछ ही घंटों बाद सेवाओं के मामले में शीर्ष अदालत के फैसले को पलटने के लिए केंद्र ने अध्यादेश जारी किया. केजरीवाल ने कहा कि लोगों के घर-घर जाएगें. उन्होंने कहा कि अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी इसके खिलाफ सड़कों पर उतरेगी, क्योंकि यह दिल्ली की जनता की ताकत छीन रहा है.
भाषा इनपुट के साथ
Why ordinance Sir? https://t.co/C9otuhtY4X
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 21, 2023