Delhi vs Haryana: हरियाणा सरकार पर केजरीवाल के आरोप से दिल्ली में भूचाल, LG ने यमुना में जहर वाले बयान पर जताई आपत्ति

Delhi vs Haryana: विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली में यमुना के पानी को लेकर राजनीति तेज है. बीजेपी और आम आदमी पार्टी एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर यमुना के पानी में जहर मिलाने का आरोप लगाया, तो दिल्ली के उपराज्यपाल ने इस पर आपत्ति जता दी. उन्होंने सीएम आतिशी को पत्र लिखा है.

By ArbindKumar Mishra | January 28, 2025 9:25 PM

Delhi vs Haryana: दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने दिल्ली की सीएम आतिशी को पत्र लिखकर अरविंद केजरीवाल के बयान पर आपत्ति जताई है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा, “पीने ​​के पानी जैसे संवेदनशील मुद्दे पर दूसरे राज्य सरकार पर जहर देने और नरसंहार जैसे झूठे, भ्रामक और तथ्यहीन आरोप लगाकर जनता को भड़काने का प्रयास न केवल राज्यों के लिए बल्कि राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए भी खतरा है. मुझे उम्मीद है कि एक शिक्षित, प्रबुद्ध और संवेदनशील महिला और दिल्ली की मुख्यमंत्री होने के नाते आप तुच्छ स्वार्थों से ऊपर उठकर जनकल्याण और शांति के हित में ऐसी भ्रामक, खतरनाक और निराधार बातें नहीं कहेंगी और अपने नेता को भी ऐसा न करने की सलाह देंगी.”

केजरीवाल के बयान को एलजी ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण

दिल्ली के उपराज्यपाल ने आतिशी को लिखे अपने पत्र में कहा- “रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री और आपकी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर यमुना नदी में जहर मिलाने का तथा दिल्ली में सामूहिक नरसंहार के प्रयास का आरोप लगाया है. यह अत्यंत आपत्तिजनक, दुर्भाग्यपूर्ण एवं अवांछनीय है.” एलजी ने आगे लिखा, केजरीवाल द्वारा भ्रामक और तथ्यविहीन वक्तव्य दिया जाना कोई नई बात नहीं है, परन्तु ये सरासर झूठा बयान न सिर्फ दिल्ली के लोगों में भ्रम तथा भय उत्पन्न करने की क्षमता रखता है बल्कि इससे दो पड़ोसी राज्यों के बीच अति वैमनस्यता भी उत्पन्न हो सकती है.”

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केजरीवाल के बयान की आलोचना करना चाहिए था : एलजी

दिल्ली एलजी ने अपने पत्र में आतिशी को लिखा, विधानसभा चुनाव में आपकी व्यस्तता के बावजूद मुझे ये पत्र मजबूरी में इसलिए लिखना पड़ रहा है. आपसे अपेक्षित है कि आप जनता के हितों और राजनीतिक शुचिता, मर्यादाओं का पालन करें. आपने केजरीवाल के बयान की आलोचना करने की बजाय इस विषय पर निर्वाचन आयोग को पत्र लिख कर आमजन में भ्रम और भय को और मजबूत करने का काम किया है.

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