Loading election data...

दिल्ली के 91 फीसदी मरीजों में मिला कोरोना का डेल्टा वेरिएंट, सरकार ने जीनोम सीक्वेंसिंग का डेटा किया शेयर

यह फरवरी से जुलाई 2021 के आंकड़े हैं. जंगल में आग की तरह फैलने वाले डेल्टा वेरिएंट से पहले भारत में अल्फा वेरिएंट ज्यादातर मामलों में पाये जा रहे थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 10, 2021 9:51 AM

नयी दिल्ली : दिल्ली सरकार की ओर से बताया गया कि पिछले 4 महीनों में जीनोम सीक्वेंसिंग के डेटा के मुताबिक अधिकतर मामलों में कोरोना का डेल्टा वेरिएंट पाया गया है. दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में सरकार ने यह जानकारी दी है. दिल्ली की प्रयोगशालाओं में पॉजिटिव पाये गये नमूनों में करीब 91 फीसदी डेल्टा वेरिएंट (बी-1.617.2) के मामले पाये गये.

यह फरवरी से जुलाई 2021 के आंकड़े हैं. जंगल में आग की तरह फैलने वाले डेल्टा वेरिएंट से पहले भारत में अल्फा वेरिएंट ज्यादातर मामलों में पाये जा रहे थे. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अल्फा और डेल्टा दोनों वेरिएंट को चिंता के प्रकार के रूप में वर्गीकृत किया है. बता दें कि डेल्टा वेरिएंट की पहचान भारत में दिसंबर 2020 में की गयी थी.

Also Read: कोरोना की तीसरी लहर का बच्चों पर बड़ा असर, अमेरिका में सच हो रही आशंका! 7 दिनों में 2.5 लाख बच्चे संक्रमित

जिनोम सीक्वेंसिंग के आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल महीने में 53.9 फीसदी मामलों में डेल्टा वेरिएंट पाया गया था. वहीं मई में 81.7 फीसदी और जून में 88.6 फीसदी में डेल्टा वेरिएंट पाया गया था. वहीं जुलाई में ये मामले बढ़कर 91 फीसदी हो गये. दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने 27 अगस्त को एक बैठक में दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) को यह जानकारी साझा की. इसकी जानकारी बुधवार को दी गयी.

डेल्टा वेरिएंट की पहचान भारत में दिसंबर में की गयी थी और बाद में 95 से अधिक देशों में इसका पता चला है. भारत के विनाशकारी अप्रैल-मई के बाद से वैज्ञानिक प्रमाणों की आधार पर डेल्टा वेरिएंट को चिह्नित किया गया. इसे बी.1.617.2 के रूप में भी जाना जाता है. यह वेरिएंट एंटीबॉडी को भी चकमा देने में संक्षम है, इसलिए इसके संक्रमण पर नियंत्रण पाना काफी कठिन माना जाता है.

Also Read: Coronavirus Alert! कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद बच्चों में लंबे वक्त तक दिख सकता है असर

सफदरजंग अस्पताल में सामुदायिक चिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ जुगल किशोर ने कहा कि मामलों की संख्या में भारी वृद्धि का अनुमान नहीं था क्योंकि पुराना संस्करण उतना संक्रामक नहीं था. लोगों का एक बड़ा वर्ग संक्रमण की चपेट में आया है और कई अन्य लोगों को टीका लगाया गया है. इस हफ्ते की शुरुआत में, नेचर जर्नल में प्रकाशित एक शोध पत्र में पाया गया कि डेल्टा संस्करण को बेअसर करने के लिए पिछले संक्रमण से एंटीबॉडी की क्षमता में छह गुना गिरावट आई थी और एंटीबॉडी की शक्ति में आठ गुना अधिक कमी आई थी.

Posted By: Amlesh Nandan.

Next Article

Exit mobile version