Delhi Congress: देवेंद्र यादव बने दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष, कहा- पार्टी को मजबूत करने के लिए करेंगे काम
Delhi Congress: देवेंद्र यादव दिल्ली कांग्रेस के नये अध्यक्ष बने हैं. पूर्व कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद उन्हें दिल्ली कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया था. बता दें, शनिवार को लवली ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है.
Delhi Congress: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष देवेंद्र यादव को पार्टी ने दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया है. अध्यक्ष पद मिलने के बाद देवेंद्र यादव ने कहा कि यह उनके लिए बेहद खास दिन है. उन्होंने कहा कि मुझ पर विश्वास दिखाने के लिए मैं केंद्रीय नेतृत्व को धन्यवाद देना चाहता हूं. मैं अपनी सभी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करूंगा. इस दौरान उन्होंने दावा किया कि लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सातों सीटें इंडिया गठबंधन ही जीतेगा. उन्होंने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस को और मजबूत करने के लिए वो लगातार काम करेंगे.
अरविंदर सिंह लवली अवसरवादी- देवेंद्र यादव
गौरतलब है कि इससे पहले कल यानी शनिवार को दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व कांग्रेस नेता लवली ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया था. उनके कांग्रेस छोड़ने के बाद नये कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने अरविंदर सिंह लवली को एक अवसरवादी बताया था. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को ऐसे लोगों की कोई परवाह नहीं है. उन्होंने कहा कि यह पार्टी पहले भी मजबूत थी और आगे भी मजबूत रहेगी. बता दें, आम आदमी पार्टी के साथ पार्टी के गठबंधन के विरोध में दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के एक सप्ताह बाद लवली शनिवार को दिल्ली के पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान, पूर्व विधायक नीरज बसोया और नसीब सिंह सहित कुछ अन्य नेताओं के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे.
लवली पर देवेंद्र ने की थी तल्ख टिप्पणी
शनिवार को लवली के बीजेपी में शामिल होने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए यादव ने कहा था कि मैं अरविंदर सिंह लवली को अवसरवादी व्यक्ति की श्रेणी में रखता हूं. यह पहली बार नहीं है कि उन्होंने कांग्रेस में तोड़फोड़ करने की कोशिश की है. यादव ने कहा कि ऐसे लोगों की पार्टी को ज्यादा परवाह नहीं है. कांग्रेस पहले भी मजबूत थी और आगे भी मजबूत रहेगी. यह उनकी आदत है. जब भी मौका मिला, लवली ने धोखा देने की कोशिश की है और पार्टी में धोखेबाजों के लिए कोई जगह नहीं है. बता दें. लवली की भाजपा में यह दूसरी पारी होगी क्योंकि वह 2018 में भी उन्होंने बीजेपी का दामन थामा था. हालांकि, कुछ समय रहने के बाद इसे छोड़कर फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए थे. भाषा इनपुट के साथ