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दिल्ली में आ रहे छोटे भूकंप के झटके किसी बड़े खतरे की आहट तो नहीं, पढ़िये पूरी रिपोर्ट

दिल्ली में एक बार फिर फूकंप के झटके महसूस किये गये. रिएक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 2.3 मापी गई. पीते 10 दिनों में यह दूसरा मौका है जब दिल्ली दिल्ली की धरती कांपी है.

दिल्ली में एक बार फिर फूकंप के झटके महसूस किये गये. रिएक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 2.3 मापी गई. पीते 10 दिनों में यह दूसरा मौका है जब दिल्ली दिल्ली की धरती कांपी है. हालांकि दिल्ली में आये दो दो फूकंप के झटकों में किसी तरह की जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है. नहीं कहीं ये किसी बड़े खतरे की आहत तो नहीं है. गौरतलब है कि बीते करीब एक साल में दिल्‍ली-एनसीआर में कम तीव्रता के कई भूकंप के धटके महसूस किये गये हैं.

नैशनल सेंटर फॉर सीस्‍मोलॉजी (NCS) की रिपोर्ट की मानें तो दिल्‍ली-एनसीआर में इस साल यानी 2020 कुल 51 छोटे और मध्‍यम तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किये गये. बता दें, इससे पहले वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया था कि, हिमालय में बड़े भूकंप आ सकते हैं. वैज्ञानिकों ने यह भी कहा था कि हिमालय पर्वत श्रृंखला में सिलसिलेवार भूकंपों का दौर शुरू हो सकता है. कुछ बड़े भूकंप भी आ सकते हैं.

उसी तर्ज पर गौर करें नैशनल सेंटर फॉर सीस्‍मोलॉजी की रिपोर्ट माने तो, इस साल 4 से ज्‍यादा की तीव्रता वाले कुल तीन भूकंप दिल्ली और आसपास के इलाकों में महसूस कि ये गये. जिनकी तीव्रता 4 से ज्यादा थी. यह किसी बड़े खतरे का सुगबुगाहत भी हो सकती है. हालांकि, ऐसे बड़े भूकंप कब आएंगे इसका अनुमान फिलहाल वैज्ञानिकों ने नहीं लगाया है या इसकी कोई जानकारी दी है. हां, वैज्ञानिकों ने ये जरूर बताया है कि अगले 100 साल में कोई बड़ा भूकंप का धटका आ सकता है. जिसकी तीव्रता 8 से ज्यादा होगी

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दरअसल हिमालय के बनने के बाद से ही भारतीय टेकटोनिक प्लेट खिसक रही है. और यह सिलसिला आज भी जारी है. भारतीय प्लेट एशियाई प्‍लेट की और हर साल 5 से 6 सेंटीमीटर की दर से खिसक रही है. हिमालय के कोर में काफी हलचल है. ऐसे में एक्सपर्ट का मानना है कि इस हलचल के कारण बड़े भूकंप के होने से इनकार नहीं किया जा सकता है.

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पूरे उत्तर भारत की बात करें तो बीते छह महीनों में हल्के और कम तीव्रता के कई भूकंप आए हैं.यह हिमालय क्षेत्र में बड़े भूकंप की आशंका को बल देते हैं. दिल्ली में यह खतरा बढ़ जाता है क्योंकि दिल्ली के करीब 30 फीसदी इलाके भूकंप के सबसे अधिक संवेदनशील जोन-5 में हैं. बता दें, जोनन-5 के भूकंप के लिहाज से सबसे ज्यादा संवेदनशील माना जाता है.

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Posted by: Pritish Sahay

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