फर्जीवाड़ा : एक सर्टिफिकेट पर 25 महिलाएं बनीं टीचर

अनामिका शुक्ला नामक एक महिला के एक साथ 25 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में नौकरी करने और 13 महीने में लगभग एक करोड़ रुपये तनख्वाह उठाने के चर्चित मामले की सच्चाई सामने आने लगी है

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 9, 2020 2:32 AM

अनामिका शुक्ला नामक एक महिला के एक साथ 25 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में नौकरी करने और 13 महीने में लगभग एक करोड़ रुपये तनख्वाह उठाने के चर्चित मामले की सच्चाई सामने आने लगी है. शुरुआती तफ्तीश में सामने आया है कि अनामिका शुक्ला के शैक्षणिक कागजात का इस्तेमाल कर यह खेल रचा गया. शनिवार को कासगंज जिला पुलिस ने प्रिया सिंह नामक एक युवती को गिरफ्तार किया, जो अनामिका शुक्ला की पहचान से नौकरी कर रही थी.

अब तक की जांच में स्पष्ट हो रहा है कि अनामिका शुक्ला के नाम से अलग-अलग जिलों में 25 महिलाएं नौकरी कर रही थीं. पांच जिलों- रायबरेली, आंबेडकरनगर, बागपत, अलीगढ़ और सहारनपुर में ‘अनामिका शुक्ला’ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. हालांकि, पुलिस अब तक यह पता लगा पाने में नाकामयाब है कि असली अनामिका शुक्ला कौन है? राज्य के शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने बताया कि यूपी के सभी 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं.

बड़ौत के बीएसए ने दर्ज करायी प्राथमिक में कहा है कि अनामिका शुक्ला को उनके जिले में 2019 में नौकरी दी गयी थी. वेतन भेजे जाने में कुछ गड़बड़ी हुई, ताे उन्हें मेरठ में बेसिक शिक्षा के सहायक निदेशक के दफ्तर में सारे कागजात के साथ तलब किया गया, मगर दिलचस्प यह रहा है कि दफ्तर में उपस्थित होने के बजाय उन्होंने 13 मार्च, 2020 को व्हाट्एसएप के जरिये इस्तीफा भेज दिया. ऐसी ही घटनाएं दूसरे जिलों से भी सामने आयी हैं.

डिग्री गोंडा से, पता मैनपुरी का, नौकरी 25 स्कूलों में अलग-अलग पते से जॉब : जिस अनामिका के सर्टिफिकेट का इस्तेमाल हुआ है, उस अनामिका ने दसवीं की पढ़ाई गोंडा जिले के कस्तूरबा बालिका इंटर कॉलेज से की. लेकिन इस अनामिका ने गोंडा के किसी स्कूल में नौकरी नहीं की. प्राथमिक जांच में पता चला कि अनामिका शुक्ला ने कई और जिलों में भी काम किया है.

नोटिस पर भेजा इस्तीफा : बीएसए ने बताया कि इसके बाद उन्होंने अनामिका को व्यक्तिगत रूप से उनके दफ्तर में हाजिर होने के लिए कई बार नोटिस भेजा. लेकिन वह नहीं आयी. इसके बजाय 26 मई को उसका इस्तीफा मिला. मैनपुरी में उनके पिता सुभाष शुक्ला के पते पर भी रिमाइंडर भेजे गये, पर कोई जवाब नहीं मिला.

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