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यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्रों के लिए Good News, रूसी यूनिवर्सिटी देगी दाखिला, देश के कई शहरों में लग रहा कैंप

रूस-यूक्रेन युद्ध का प्रभाव भारत पर भी पड़ा है. तकरीबन 20 हजार भारतीय छात्र इससे सीधे प्रभावित हुये. किसी का मेडिकल की डिग्री बीच में छूट गई तो कई सारे बच्चे का कैरियर समाप्ति की ओर है. वहीं मौजूदा समय में भारत और रूस की संयुक्त पहल ने एक बार फिर उन छात्रों के लिये भविष्य के दरवाजे खोल दिये हैं.

रूस-यूक्रेन के बीच करीब डेढ़ सालों से भीषण लड़ाई जारी है. दोनों देश इस युद्ध का खामियाजा तो भुगत ही रहे हैं, लेकिन इसके अलावा इस लड़ाई का खामियाजा यूक्रेन में रहकर मेडिकल की पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्र को भी भुगतना पड़ रहा है. कई छात्रों की पढ़ाई बीच में ही अधूरी छूट गई है. हालांकि, भारत और रूस की संयुक्त पहल के बाद एक उम्मीद की किरण जगी है. इस पहल से यूक्रेन से लौटे करीब 20 हजार छात्रों के अंधकार में जाते भविष्य को नई रोशनी मिल सकती है. दरअसल रूस ने उन भारतीय छात्रों के लिए अपने यूनिवर्सिटीज के दरवाजे खोल दिये हैं, जिनकी पढ़ाई यूक्रेन में अधूरी रह गई थी.

रूसी यूनिवर्सिटी भारत में लगा रही है कैंप
रूस की ओरेनबर्ग यूनिवर्सिटी, मारी यूनिवर्सिटी समेत नौ यूनिवर्सिटी ने भारत के आठ शहरों में भारतीय छात्रों के दाखिले के लिये कैंप लगा रही है. जिनमें दिल्ली, कोलकाता, अहमदाबाद , मुंबई , चंडीगढ़, पटना जैसे शहरों में कैंप लगा रही है. जिसके तहत तकरीबन 2500 छात्रों को दाखिला दिया जाना है. भारत स्थित रूसी दूतावास के एजुकेशन विभाग ने दावा किया है कि अब तक युद्ध के बाद तकरीबन 1500 छात्रों को रूस की अलग अलग यूनिवर्सिटी में दाखिला दे दिया गया है.

तीसरे साल में छात्रों को मिल रहा दाखिला
गौरतलब है कि यूक्रेन से जान बचाकर भारत लौटे छात्र-छात्राओं को भविष्य की चिंता थी, उन्हें कहीं दाखिला नहीं मिल रहा था. ऐसे में रूस की यह पहल उन हजारों छात्रों के लिए रौशनी की नई किरण लेकर आया है. यूक्रेन से लौटी एक छात्रा ने कहा कि उसने यूक्रेन में दो साल की पढ़ाई पूरी कर ली था, उसे तीसरे साल में एडमिशन लेना था लेकिन युद्ध के कारण उसे यूक्रेन छोड़कर भारत आना पड़ा. इससे उसकी पढ़ाई अधूरी ही छूट गई. छात्रा का कहना है कि रूस की पहल के बाद उसकी समस्या दूर हो गई है. उसने बताया कि रूस की मारी स्टेट यूनिवर्सिटी छात्रों को सीधे तीसरे साल के लिए दाखिला दे रही है.

विशेष परीक्षा की व्यवस्था
यूक्रेन से पढ़ाई को छोड़कर भारत आने वाले छात्रों को लेकर रूसी यूनिवर्सिटी का कहना है कि छात्रों के लिए यह बहुत बड़ी समस्या है. ऐसे में उनको विशेष छूट दी जाएगी. पढ़ाई का खर्च भी कम होगा. भारत के करीब तीन हजार छात्रों को रूस की विभिन्न यूनिवर्सिटी अपने यहां दाखिला देगी. रशियन विश्वविद्यालय भारतीय छात्रों को विशेष परीक्षा का भी अवसर देखा. इसके पीछे मकसद है कि छात्रों का बैकलॉग खत्म हो जाये.

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