H3N2 Influenza: दिल्ली में तेजी से बढ़ रहा इन्फ्लुएंजा का खतरा, लोकनायक अस्पताल में 15 डॉक्टरों की टीम गठित
H3N2 Influenza: दिल्ली स्थित एलएनजेपी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक सुरेश कुमार ने बताया कि एच3एन2 इन्फ्लुएंजा का खतरा पहले से ही किसी बीमारी से पीड़ित लोगों, बच्चों या बुजुर्गों में अधिक होता है.
H3N2 Influenza Virus: दिल्ली समेत देश के कई अन्य राज्यों में इन दिनों इन्फ्लुएंजा ए के एच3एन2 (H3N2) वायरस के साथ-साथ सांस से संबंधित कई अन्य वायरल बीमारियों का संक्रमण तेजी से फैला हुआ है. डॉक्टरों के मुताबिक, एडिनो वायरस, राइनोवायरस व रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (RSV) के संक्रमण से भी लोग बीमारी हो रहे हैं और बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं, लेकिन ज्यादातर बच्चों में हल्की बीमारी ही देखी जा रही है.
दिल्ली में H3N2 का खतरा, एलएनजेपी में डॉक्टरों की टीम गठित
दिल्ली स्थित एलएनजेपी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक सुरेश कुमार ने बताया कि H3N2 इन्फ्लुएंजा का खतरा पहले से ही किसी बीमारी से पीड़ित लोगों, बच्चों या बुजुर्गों में अधिक होता है. उन्होंने कहा कि इसके लिए हमने लोकनायक अस्पताल में 20 बिस्तरों का एक अलग आइसोलेशन वार्ड बनाया है और 15 डॉक्टरों की एक टीम गठित की है.
Delhi | The risk of H3N2 Influenza is high in people already suffering from any disease, children or the elderly. For this, we've made a separate 20-bed isolation ward in Loknayak Hospital & constituted a team of 15 doctors: Suresh Kumar, Medical Director, LNJP Hospital (14.03) pic.twitter.com/btrQlXrYeQ
— ANI (@ANI) March 15, 2023
H3N2 वायरस के ये हैं लक्षण
एलएनजेपी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक ने एबीपी लाइव से बातचीत के दौरान बताया कि सर्दी, जुखाम, नाक से पानी आना, बदन दर्द, बुखार, गले में खराश और लंबे समय तक खांसी आना इसके प्रमुख लक्षण हैं. इस वायरस से संक्रमित लोगों को हफ्तों तक खांसी आती रहती है. इसके अलावा, सांस फूलना, सर्दी, जुखाम जैसी समस्या भी बनी रहती है.
जानें वायरस से कैसे करें बचाव
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, एच3एन2 इनफ्लुएंजा वायरस से बचाव के लिए सबसे पहले आसानी से उपलब्ध आरटीपीसीआर टेस्ट कराना चाहिए. संक्रमण से बचने के लिए अच्छे मास्क का प्रयोग करना चाहिए. साथ ही समय-समय पर साबुन से अच्छी तरह से हाथ धोना चाहिए और संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से पूरी तरह बचना चाहिए. इसके अलावा, अगर जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आता है, तो एंटीवायरल ड्रग्स उपलब्ध है. एक्सपर्ट के मुताबिक, संक्रमित मरीज को इस वायरस के लिए कभी भी पैनिक नहीं होना चाहिए, इस वायरस से संक्रमित ज्यादातर मरीज ठीक हो जाते हैं. हालांकि, जिन मरीजों की इम्युनिटी ठीक नहीं होती और जो किसी न किसी गंभीर रोग से पीड़ित होते हैं उनमें यह वायरस लंबे समय तक रहता है. इसलिए संक्रमित होने पर तत्काल चिकित्सकों की सलाह लेनी चाहिए.