Hindu College में मातृभाषा सप्ताह: प्रो मेहता बोले- ग्लोबलाइजेशन ने भाषाओं को गंभीर क्षति पहुंचाई

Hindu College: बड़ौदा विश्वविद्यालय में गुजराती के आचार्य और लेखक प्रो भरत मेहता ने कहा कि मातृभाषा और आधुनिक भारतीय भाषाएं अन्योन्याश्रित हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 22, 2024 10:47 PM
an image

दिल्ली के Hindu College में मातृभाषा सप्ताह का आयोजन किया गया. जिसमें बड़ौदा विश्वविद्यालय में गुजराती के आचार्य और लेखक प्रो भरत मेहता ने मातृभाषा और भारतीयता विषय पर अपना व्याख्यान दिया. उन्होंने विख्यात कवि उमाशंकर जोशी की चर्चा करते हुए कहा, अपने काव्य ग्रंथ निशीथ के लिए ज्ञानपीठ सम्मान लेते हुए जोशी ने कहा था कि मैं भारतीय कवि हूं जो गुजराती में लिखता हूं. मातृभाषा और भारतीयता का यही संबंध है जिसे बार-बार कहना चाहिए.

मातृभाषा और आधुनिक भारतीय भाषाओं में अन्योन्याश्रय संबंध: प्रो मेहता

बड़ौदा विश्वविद्यालय में गुजराती के आचार्य और लेखक प्रो भरत मेहता ने कहा कि मातृभाषा और आधुनिक भारतीय भाषाएं अन्योन्याश्रित हैं. प्रो मेहता ने हिंदू कॉलेज में मातृभाषा सप्ताह के अंर्तगत मातृभाषा और भारतीयता विषय पर कहा कि हमारे देश के विश्वविद्यालयों में 1919 से आधुनिक भारतीय भाषाएं पढ़ाई जाने लगीं. जिसका श्रेय आशुतोष मुखर्जी को जाता है जिन्होंने कोलकाता में बंगाली विभाग खोला. इसी के आसपास महात्मा गांधी ने गुजरात विद्यापीठ में गुजराती की पढ़ाई शुरू करवाई.

Hindu College: ग्लोबलाइजेशन ने भाषाओं को गंभीर क्षति पहुंचाई

प्रो मेहता ने कहा कि भूमंडलीकरण ने भाषाओं को गंभीर क्षति पहुंचाई है जिसकी झलक भाषाविद् गणेश देवी के वृहद अध्ययन में देख सकते हैं. उन्होंने भारतीय भक्ति आंदोलन को जनभाषाओं का आंदोलन कहा जिसने तुकाराम, नामदेव, मीरां जैसे कवि दिए जो अपनी मातृभाषा में रचना कर अमर हो गए.

Hindu College: मातृभाषा में लघुकथा पाठ किया गया

आयोजन के दूसरे चरण में विद्यार्थियों द्वारा मातृभाषा में लघुकथा पाठ किया गया जिसमें बृजलाला, किरन, अमित अम्बेडकर, राई भट्टाचार्य और शिवानी जोशी ने अपनी अपनी मातृभाषा ने लघु कथा पढ़ी.

Hindu College: मातृभाषा की अवहेलना मां की अवहेलना के बराबर

Hindu college में मातृभाषा सप्ताह: प्रो मेहता बोले- ग्लोबलाइजेशन ने भाषाओं को गंभीर क्षति पहुंचाई 2

मनीष कुमार झा, हिमांशु, विवेक, कैलाश, सचिन, यश, शिवानी, नरेंद्र पटेल,जसविंदर सिंह, यशवंत और मित्रवंदा अपने वीडियो प्रदर्शित किए. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्राणी विज्ञान के प्रो के के कौल थे. प्रो कौल ने अपनी मातृभाषा कश्मीरी में संस्मरण सुनाते हुए कहा कि मातृभाषा वह होती है जो हमें मां के दूध के साथ मिलती है. मातृ भाषा की अवहेलना मां की अवहेलना के बराबर है. विशिष्ट अतिथि रसायन विभाग की प्रभारी डॉ गीतिका भल्ला ने कहा कि अब विज्ञान की पढ़ाई भी मातृभाषाओं में हो रही है तब हमें अंग्रेजी का मोह छोड़ देना चाहिए. डॉ भल्ला ने कहा कि मातृभाषा हमारी अस्मिता से भी जुड़ी हुई है जिसका सम्मान होना चाहिए. आयोजन में हिंदी विभाग प्रभारी प्रो रचना सिंह, डॉ पल्लव सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी और अध्यापक उपस्थित थे. मंच संचालन मोहम्मद आरिश ने किया. अंत में मातृभाषा सप्ताह संयोजक नीलम सिंह ने आभार व्यक्त किया.

Exit mobile version