नयी दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी के कारण हो रही मौतों पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने कहा है कि अगर केंद्र सरकार ऑक्सीजन सप्लाई (Oxygen Supply) का जिम्मा आईआईएम (IIM) और आईआईटी (IIT) को दे दे तो ये संस्थान सप्लाई को बेहतर ढंग से मैनेज कर सकते हैं. दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के कारण हो रही मौतों पर हाईकोर्ट लगातार सुनवाई कर रहा है.
हाई कोर्ट ने कहा कि आज पूरा देश ऑक्सीजन के लिए रो रहा है. कोर्ट ने केंद्र को सुझाव दिया कि ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए आईआईएम के विशेषज्ञों और प्रतिभाशाली दिमागों को शामिल किया जाना चाहिए. कोर्ट ने आज उस जनहित याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया जिसमें ऑक्सीजन की कमी से मौतों की जांच के लिए एसआईटी गठन की मांग की गयी थी.
दिल्ली को ऑक्सीजन सप्लाई पर हाई कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति करनी चाहिए. यदि आप इसको नहीं करते हैं तो इसे अवमानना माना जायेगा. अब, यह आपका काम है, वहां टैंकर उपलब्ध हैं लेकिन आप यह काम करने को तैयार नहीं हैं. इसपर सरकार की ओर से एएसजी चेतन शर्मा ने कहा कि हम दिल्ली को लगातार ऑक्सीजन सप्लाई कर रहे हैं.
चेतन शर्मा ने कोर्ट को बताया कि हम सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आज रिपोर्ट दाखिल कर रहे हैं. इम इस बात पर ध्यान नहीं दे रहे हैं कि हमें केवल 700 मिट्रिक टन की आपूर्ति काही ध्यान रखना है. आधी रात को 433 एमटी ऑक्सीजन दिल्ली पहुंचा, वहीं आज सुबह 307 एमटी ऑक्सीजन दिल्ली लाया गया. हमें उम्मीद है शाम तक दिल्ली में पर्याप्त ऑक्सीजन होगी.
चेतन शर्मा को उस वक्त कोर्ट ने फटकार भी लगायी जब उन्होंने दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा को कहा कि आत बयानबाजी में मत पड़िए. उन्होंने कहा था कि दिल्ली में केवल 590 एमटी ऑक्सीजन ही पहुंचा है. कोर्ट ने कहा यह बयानबाजी नहीं है. क्षमा करें, श्री शर्मा. आप अंधे हो सकते हैं, हम नहीं. आप असंवेदनशील कैसे हो सकते हैं? यह एक भावनात्मक मामला है. जीवन दांव पर लगा है.
Posted By: Amlesh Nandan.