वर्ष 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कार्यकाल के दौरान एमसीडी को तीन भागों में विभाजित किया गया था. अब यह तीन नगर निकायों- उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी नगर निगमों को मिलाकर फिर से एक हो गया है. केंद्र सरकार ने एकीकृत नगर निगम को लेकर बुधवार को एक अधिसूचना जारी कर कहा था कि, दिल्ली के तीनों नगर निगमों का 22 मई को औपचारिक तौर पर विलय होगा. तीन नगर निकायों को एकजुट करने के लिए एक विधेयक को 30 मार्च को लोकसभा और पांच अप्रैल को राज्यसभा द्वारा अनुमोदित किया गया था. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा 18 अप्रैल को सहमति दिए जाने के बाद यह विधेयक एक अधिनियम बन गया.
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आईएएस अधिकारी अश्विनी कुमार और ज्ञानेश भारती ने एकीकृत दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के विशेष अधिकारी और आयुक्त के रूप में रविवार को कार्यभार संभाल लिया. कार्यभार संभालने के तुरंत बाद ज्ञानेश भारती ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि पूर्ववर्ती एसडीएमसी का केंद्रीय स्थापना विभाग एकीकृत एमसीडी के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों के स्थानांतरण और तैनाती के लिए नोडल विभाग के रूप में कार्य करेगा. भारती ने कहा, मेरी प्राथमिकता दिल्ली के लोगों को पारदर्शी तरीके से नगर निगम की बेहतरीन सेवाएं मुहैया कराने की होगी. वहीं, विशेष अधिकारी और नए आयुक्त के कार्यभार संभालने के साथ ही नगर निगम के कर्मचारियों में फेरबदल और पुनर्गठन की कवायद शुरू हो जाएगी.
एजीएमयूटी कैडर के 1992 बैच के आईएएस अधिकारी कुमार पुडुचेरी के मुख्य सचिव थे. केंद्र सरकार ने हाल में उनका स्थानांतरण दिल्ली किया था और वह नयी तैनाती का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने रविवार को एमसीडी मुख्यालय ‘सिविक सेंटर’ में विशेष अधिकारी का पदभार ग्रहण किया. वहीं, भारती एजीएमयूटी कैडर के 1998 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और फिलहाल दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त हैं. वह दिल्ली के तीन निगम आयुक्तों में सबसे वरिष्ठ थे.
दिल्ली नगर निगम (संशोधन) अधिनियम 2022 लागू हो गया है. अधिनियम राष्ट्रीय राजधानी में वार्ड संख्या को मौजूदा 272 से घटाकर 250 करने की बात कहता है, जिसका अर्थ है कि चुनाव से पहले एमसीडी को परिसीमन की कवायद से गुजरना होगा. वार्ड सीमांकन के लिए केंद्र एक परिसीमन आयोग का गठन करेगा.