GNCTD Act 1991 नयी दिल्ली : केंद्र सरकार (Delhi Government) ने दिल्ली में पिछले दिनों जीएनसीटीडी अधिनियम, 1991 (संशोधन) को अधिसूचित कर दिया है. इसके बाद कहा जा रहा है दिल्ली की केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal) की शक्तियों को खत्म कर दिया गया है और सभी शक्तियां उपराज्यपाल अनिल बैजल (Anil Baijal) के हाथों में दे दी गयी है. आज केंद्र ने इसपर अपनी सफाई दी है. केंद्र ने कहा है कि दिल्ली सरकार को मिली संवैधानिक शक्तियों को खत्म करने का कोई इरादा नहीं है.
गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया कि जीएनसीटीडी अधिनियम, 1991 में संशोधन दिल्ली के एनसीटी में बेहतर प्रशासन सुनिश्चित करेगा और दिल्ली के आम लोगों के लिए बनाई गई योजनाओं और कार्यक्रमों के बेहतर कार्यान्वयन का नेतृत्व करेगा. संशोधन मौजूदा कानूनी और संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप हैं और माननीय उच्चतम न्यायालय के दिनांक 04.07.2018 और 14.02.2019 के निर्णय के भी अनुरूप है.
बता दें कि केद्र की ओर से अधिसूचित किये गये नये कानून के तहत अब उपराज्यपाल के पास 80 विभागों का नियंत्रण होगा और वह विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को भी रोक सकते हैं. मंगलवार रात को इसके अधिसूचित होने के बाद से से उपराज्यपाल के हाथ में राष्ट्रीय राजधानी का सारा प्रशासन आ गया है. दिल्ली सरकार को कोई भी काम करने से पहले एलजी से इजाजत लेनी होगी.
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बता दें कि दिल्ली में कोरोना तबाही मचा रहा है. रोज अस्पतालों में लोग ऑक्सीजन और दवाओं की कमी से मर रहे हैं. दिल्ली हाईकोर्ट के स्वत: संज्ञान के बाद केंद्र सरकार ने जवाब दिया था कि दिल्ली को कोटे से अधिक ऑक्सीजन दी जा रही है. केजरीवाल सरकार आवंटन और आपूर्ति नहीं कर पा रही है. हाई कोर्ट लगातार कोरोना के मामले पर सुनवाई कर रहा है और सरकारों से जवाब तलब कर रहा है.
इसी बीच केंद्र सरकार ने इसी साल संसद में पारित दिल्ली में राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) अधिनियम, 2021 को अधिसूचित कर दिया है. यह विधेयक लोकसभा में इसी साल के 22 मार्च को और राज्यसभा में 24 मार्च को पारित हुआ है. उस समय में दिल्ली सरकार ने इसका विरोध किया था.
Posted By: Amlesh Nandan.