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BBC डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर जामिया की VC का बयान, कहा- कैंपस में शांति भंग करना चाहता है SFI

जामिया की कुलपति नजमा अख्तर ने बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग किए जाने पर कहा कि एसएफआई परिसर में शांति भंग करना चाहता है, ऐसे आचरण के लिए कभी अनुमति नहीं मिलेगी.

By Samir Kumar | January 25, 2023 7:34 PM

BBC Documentary Row: जामिया की कुलपति नजमा अख्तर ने बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग किए जाने पर कहा कि एसएफआई परिसर में शांति भंग करना चाहता है, ऐसे आचरण के लिए कभी अनुमति नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा कि एसएफआई छोटा समूह है और बीबीसी के विवादित डॉक्यूमेंट्री को दिखाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. वहीं, एसएफआई सदस्यों की रिहाई की मांग पर छात्र अड़े है. बताया गया कि आज बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की कोई स्क्रीनिंग नहीं होगी.

4 छात्रों को हिरासत में लिया गया

इससे पहले, वाम समर्थित छात्र संगठन एसएफआई (SFI) की पीएम नरेंद्र मोदी पर बने बीबीसी के विवादित डॉक्यूमेंट्री को दिखाने की घोषणा के बाद दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कहा कि उन्होंने 4 छात्रों को हिरासत में लिया है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं दी जाएगी और वे विश्वविद्यालय के शांतिपूर्ण अकादमिक माहौल को तबाह करने के निहित स्वार्थ वाले लोगों तथा संगठनों को रोकने के लिए हरसंभव कदम उठा रहे हैं. दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि एसएफआई ने शाम 6 बजे डॉक्यूमेंट्री दिखाने की योजना का ऐलान किया है और इससे कुछ घंटे पहले एसएफआई के चार सदस्यों को हिरासत में लिया गया है.


सएफआई की जामिया इकाई ने जारी किया पोस्टर

एसएफआई की जामिया इकाई ने एक पोस्टर जारी किया, जिसके अनुसार एससीआरसी लॉन गेट नंबर-8 पर शाम 6 बजे वृत्तचित्र दिखाए जाने की घोषणा की गई. हालांकि, अब खबर सामने आ रही है कि इसे आज नहीं दिखाया जाएगा. एसएफआई ने उसके सदस्यों को हिरासत में लिये जाने के बाद जारी बयान में कहा, जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र और एसएफआई की जामिया इकाई के सचिव अजीज, जामिया के छात्र और एसएफआई के दक्षिण दिल्ली क्षेत्र के उपाध्यक्ष निवेद्य, जामिया के छात्र और एसएफआई के सदस्य अभिराम तथा तेजस को दिल्ली पुलिस ने डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग से पहले खराब तरीके से हिरासत में ले लिया. उसने कहा, एसएफआई की जामिया इकाई ने परिसर में आज बीबीसी के वृत्तचित्र के प्रदर्शन का फैसला किया था.

विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी जारी किया बयान

विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी बयान जारी कर कहा कि डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन के लिए कोई अनुमति नहीं ली गयी है और इसे प्रदर्शित नहीं होने दिया जाएगा. विश्वविद्यालय ने बयान में कहा कि प्रशासन के संज्ञान में आया है कि एक राजनीतिक संगठन से जुड़े कुछ छात्रों ने आज विश्वविद्यालय परिसर में एक विवादित डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन के बारे में पोस्टर बांटे हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले एक पत्र जारी कर कहा था कि सक्षम प्राधिकारियों की अनुमति के बिना परिसर में छात्रों की सभा या बैठक अथवा किसी फिल्म की स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं दी जाएगी. विश्वविद्यालय ने कहा कि किसी भी तरह का उल्लंघन होने पर आयोजकों के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

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