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दिल्ली में राष्ट्रीय ध्वज फहराने को लेकर विवाद, LG ने आतिशी की जगह कैलाश गहलोत के नाम को दी मंजूरी

Independence Day 2024: दिल्ली में राष्ट्रीय ध्वज फहराने को लेकर आम आदमी पार्टी सरकार और उपराज्यपाल वी के सक्सेना फिर से आमने-सामने आ गए हैं. मंत्री आतिशी को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जगह झंडा फहराने से रोक दिया गया.

By ArbindKumar Mishra | August 13, 2024 5:46 PM
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Independence Day 2024: दिल्ली में झंडा फहराने को लेकर जारी विवाद में नया अपडेट है, उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में ध्वजारोहण के लिए दिल्ली के गृह मंत्री कैलाश गहलोत को नामित किया है. गहलोत दिल्ली सरकार में गृह मंत्री हैं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जगह गहलोत की झंडा फराएंगे.

अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल को लिखा था पत्र

दिल्ली शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल वी के सक्सेना को पिछले हफ्ते एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा था कि उनकी जगह कैबिनेट मंत्री आतिशी दिल्ली सरकार के स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगी. उपराज्यपाल कार्यालय ने कहा था कि उसे मुख्यमंत्री से कोई संदेश नहीं मिला है. साथ ही, तिहाड़ जेल प्राधिकारियों ने केजरीवाल को सूचित किया कि सक्सेना को लिखा गया उनका यह पत्र जेल नियमों के तहत उन्हें दिए गए विशेषाधिकारों का दुरुपयोग है.

जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट ने आतिशी के प्रस्ताव को किया खारिज

दिल्ली सरकार के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट (GAD) ने अरविंद केजरीवाल की जगह आतिशी के झंडा फहराने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. जिसके बाद विवाद बढ़ गया. आम आदमी पार्टी की ओर से इसपर तीखी प्रतिक्रिया सामने आई.

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आतिशी ने एलजी को बताया वायसराय

आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस पर चुनी हुई सरकार और मुख्यमंत्री को झंडा फहराने का अधिकार है. लेकिन वह अभी न्यायिक हिरासत में हैं तो उन्होंने मंत्री होने के नाते मुझे झंडा फहराने को कहा. इसके लिए मुख्यमंत्री जी ने पत्र लिखा और आदेश दिया कि 15 अगस्त को मंत्री होने के नाते मैं झंडा फहराऊं लेकिन अधिकारियों ने इस आदेश को भी मानने से इनकार कर दिया. आतिशी ने उपराज्यपाल पर हमला करते हुए कहा, आज दिल्ली की चुनी हुई सरकार को झंडा फहराने के अधिकार से रोका जा रहा है तो लगता है कि दिल्ली में कोई नए वायसराय आ गए हैं. LG साहब दिल्ली की चुनी हुई सरकार को झंडा फहराने से रोक रहे हैं. इससे बड़ी तानाशाही और क्या हो सकती है? अब हमें देखना है कि बीजेपी लोकतंत्र के साथ है या तानाशाही के साथ खड़ी है.

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