Kanjhawala Case:कंझावला केस में छठा आरोपी गिरफ्तार, पुलिस ने चश्मदीद को जांच में शामिल होने के लिए बुलाया
कंझावला केस में दिल्ली पुलिस ने 6वें आरोपी आशुतोष को गिरफ्तार कर लिया है. आशुतोष एक्सीडेंट करने वाली बलेनो कार का मालिक है. वह पुलिस ने इस बात को छिपा रहा था.
Delhi Kanjhawala Case: कंझावला केस में दिल्ली पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 6वें आरोपी आशुतोष को गिरफ्तार कर लिया है. आशुतोष एक्सीडेंट करने वाली बलेनो कार का मालिक है. बताया जा रहा है कि उसी से अंजलि का एक्सीडेंट हुआ था और वह पुलिस ने इस बात को छिपा रहा था. उसका कहना था कि अमित ही उससे गाड़ी मांगने आया था. वहीं, दिल्ली पुलिस ने कहा कि मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि चश्मदीद गवाह निधि को गिरफ्तार कर लिया है. यह स्पष्ट किया जाता है कि उन्हें पुलिस ने जांच में शामिल होने के लिए बुलाया है.
पांच आरोपी पहले ही हुए थे गिरफ्तार
इस मामले में दिल्ली पुलिस ने पहले पांच आरोपियों मनोज मित्तल, दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्ण और मिथुन को गिरफ्तार किया था. साथ ही पुलिस ने बलेनो कार को भी बरामद किया था, जिससे एक्सीडेंट हुआ था. इनके खिलाफ पुलिस ने आपराधिक साजिश, गैर इरादतन हत्या और लापरवाही से वाहन चलाने से मौत सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की है. इससे पहले अंजलि एक्सीडेंट केस में दिल्ली पुलिस ने बताया था कि मामले में 5 नहीं 7 आरोपी हैं. यानी पुलिस ने दो नए आरोपी आशुतोष और अंकुश खन्ना का नाम जोड़ा था. अब पुलिस ने कार के मालिक आशुतोष को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस की जांच में सामने आई ये जानकारी
इससे पहले पुलिस ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया था कि कार दीपक नहीं अमित चला रहा था. पुलिस के मुताबिक, अमित के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है. ऐसे में अंकुश खन्ना ने ही दीपक को सलाह दी थी कि वह पुलिस के सामने कहे कि वही कार चला रहा था. वहीं, विशेष पुलिस आयुक्त सागर प्रीत हुड्डा ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल रिकॉर्ड के माध्यम से आशुतोष और अंकुश खन्ना की संलिप्तता तय की गई है.
ऐसे हुआ खुलासा
पुलिस की जांच में पता चला है कि आशुतोष और अंकुश खन्ना के रूप में पहचाने गए दो लोग आरोपी व्यक्तियों को बचाने की कोशिश कर रहे थे. पुलिस ने खुलासा किया है कि जिस व्यक्ति पर अंजलि को घसीटकर ले जाने वाली कार चलाने का आरोप है वो तो दुर्घटना के समय कार में था ही नहीं. जांच के दौरान, पुलिस ने पाया कि दीपक की उस समय की फोन लोकेशन मामले के अन्य चार आरोपियों से मेल नहीं खाती थी. पुलिस ने कहा कि उसकी फोन लोकेशन और कॉल रिकॉर्ड से पता चलता है कि वह पूरे दिन घर पर था.