Karawal Nagar Assembly Election Result 2025: कपिल मिश्रा 18000 हजार से आगे, पीछे हुए आप के उम्मीदवार मनोज कुमार त्यागी
Karawal Nagar Assembly Election Result 2025: दिल्ली की करावल नगर सीट पर मतगणना जारी है. यहां बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच कड़ी टक्कर है. करावल नगर सीट पर भजपा के कपिल शर्मा 18000 वोटों से आगे चल रहें है.
Karawal Nagar Assembly Election Result 2025: दिल्ली की करावल नगर सीट पर मतगणना जारी है. यहां बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच कड़ी टक्कर है. करावल नगर सीट पर भजपा के कपिल मिश्रा 18000 वोटों से आगे चल रहें है.
दिल्ली की करावल नगर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने कपिल मिश्रा को उम्मीदवार बनाया है, जो 2015 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर विधायक बने थे और बाद में बीजेपी में शामिल हो गए. अब जब चुनाव परिणाम घोषित होने वाले हैं, तो जल्द ही यह स्पष्ट हो जाएगा कि क्या कपिल मिश्रा इस बार करावल नगर सीट पर बीजेपी के लिए जीत हासिल कर पाएंगे या नहीं.
करावल नगर विधानसभा सीट दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से एक महत्वपूर्ण सीट है, जो नॉर्थ ईस्ट दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है. यह क्षेत्र घनी आबादी वाला है और यहां मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब और हरियाणा से आए लोग निवास करते हैं. करावल नगर मेट्रो स्टेशन से यह क्षेत्र अच्छी तरह जुड़ा हुआ है, जबकि इसके निकटतम मेट्रो स्टेशन जौहरी एन्क्लेव और शिव विहार हैं. करावल नगर और जौहरी एन्क्लेव मेट्रो स्टेशन के बीच की दूरी केवल 2 किलोमीटर है.
करावल नगर सीट से लड़ रहे उम्मीदवारों की सूची
उम्मीदवार | पार्टी |
अशोक अग्रवाल | भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) |
कपिल मिश्रा | भारतीय जनता पार्टी |
देवेन्द्र भैया | बहुजन समाज पार्टी |
मनोज कुमार त्यागी | आम आदमी पार्टी |
डॉ. पी.के. मिश्रा | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
नीरज | न्यू इंडिया यूनाइटेड पार्टी |
प्रकाश चंद | बहुजन द्रविड़ पार्टी |
योगेन्द्र | भारतीय संपूर्ण क्रांतिकारी पार्टी |
2020 के विधानसभा चुनाव का परिणाम
2020 के चुनाव में करावल नगर सीट पर रोचक मुकाबला देखने को मिला था. इस सीट से कुल 18 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मोहन सिंह बिष्ट को जीत मिली थी. उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार दुर्गेश पाठक को 8,223 मतों के अंतर से पराजित किया था. कांग्रेस के उम्मीदवार अरविंद सिंह इस चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे थे.
2020 के चुनाव में मोहन सिंह बिष्ट को कुल 96,721 वोट मिले थे, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी दुर्गेश पाठक के खाते में 88,498 वोट आए थे. इस सीट पर कुल 2,83,203 मतदाता थे, जिनमें से लगभग 68 प्रतिशत यानी 1,91,186 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था.
करावल नगर सीट पर बीजेपी की शुरुआती बढ़त
करावल नगर विधानसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास काफी पुराना है. इस सीट पर पहली बार 1993 में चुनाव हुआ था, जिसमें भारतीय जनता पार्टी ने अपनी जीत का खाता खोला था. उस समय राम पाल इस सीट से विजयी हुए थे. इसके बाद पार्टी ने मोहन सिंह बिष्ट को चुनावी मैदान में उतारा, जिन्होंने इस क्षेत्र में अपनी मजबूत पकड़ बना ली. साल 2003 के चुनाव में उन्होंने दूसरी बार जीत दर्ज की.
इसके बाद सीट के परिसीमन के कारण इसकी सीमाओं में बदलाव किया गया. 2008 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा के उम्मीदवार मोहन सिंह बिष्ट ने निर्दलीय प्रत्याशी सतन पाल दायमा को 21,128 मतों के बड़े अंतर से हराकर अपनी जीत बरकरार रखी. हालांकि, 2013 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की राजनीति में प्रवेश किया, लेकिन करावल नगर सीट पर उसे सफलता नहीं मिल सकी. इस चुनाव में भी मोहन सिंह बिष्ट ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कपिल मिश्रा को 3,083 मतों के अंतर से हराया.
2015 में बड़ा बदलाव और 2020 में भाजपा की वापसी
2015 के चुनाव में इस सीट पर बड़ा राजनीतिक उलटफेर हुआ. आम आदमी पार्टी ने फिर से कपिल मिश्रा को टिकट दिया, जिन्होंने भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट को 44,000 से अधिक मतों के अंतर से करारी शिकस्त दी. इस जीत के बाद कपिल मिश्रा दिल्ली सरकार में मंत्री बने, लेकिन बाद में पार्टी और उनके बीच मतभेद बढ़ गए. 2017 में उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण मंत्री पद से हटा दिया गया और 2019 में उन्हें दिल्ली विधानसभा से निष्कासित कर दिया गया. कुछ ही समय बाद, उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली.
2020 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने करावल नगर से दुर्गेश पाठक को मैदान में उतारा, जबकि भाजपा ने फिर से मोहन सिंह बिष्ट पर भरोसा जताया. पिछली हार को भुलाकर मोहन सिंह बिष्ट ने इस बार दुर्गेश पाठक को 8,223 मतों के अंतर से हराकर भाजपा की सीट पर फिर से कब्जा कर लिया.
करावल नगर विधानसभा क्षेत्र का चुनावी इतिहास दर्शाता है कि इस सीट पर भाजपा का प्रभाव काफी मजबूत रहा है, हालांकि 2015 में आम आदमी पार्टी ने बड़ी जीत दर्ज की थी. आने वाले चुनावों में इस सीट पर फिर से कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है.