किसान आंदोलन के पीछे विदेशी ताकतों की भूमिका सामने आने के बाद केंद्र सरकार हरकत में आ चुकी है. एनआइए, ईडी, फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट और दूसरी जांच एजेंसियां जांच में जुट चुकी है. शुरुआती जांच में किसान आंदोलन के फंडिंग से जुड़े पुख्ता सबूत मिले हैं. इसके पीछे सिख फॉर जस्टिस और अन्य खालिस्तानी संगठनाें की भूमिका सामने आने के बाद एनआइए ने अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया, डेनमार्क, स्वीडन और इटली से जानकारी मांगी है. एनआइए ने कई खाते में विदेशों से आये पैसे की जानकारी के लिए 40 लोगों को समन भेजा है.
25 उपद्रवी चिह्नित, फरसा-तलवारों के साथ दिख रहे तस्वीरों में : इधर, गणतंत्र दिवस के मौके दिल्ली के लाल किले पर हुए उपद्रव के मामले में पुलिस ने 25 आरोपियों की पहचान तस्वीरों के जरिये कर ली है. 200 से अधिक वीडियो फुटेज देखने के बाद फॉरेंसिक एक्सपर्ट की मदद से इन आरोपियों की पहचान की गयर है. इसमें दीप सिद्धू की भी तस्वीरें है. गौरतलब है कि हिंसा के बाद पुलिस ने आम लोगों और मीडिया से वीडियो और फोटो शेयर करने की अपील की थी. कृषि कानूनों के खिलाफ किसान प्रदर्शन & Kisan Andolan Live News से जुड़ी हर अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ.
केंद्र ने किसानों के साथ किया वादा नहीं निभाया : विपक्ष – इधर, राज्यसभा में शुक्रवार को कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने सरकार पर किसानों के साथ किये गये वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए विवादों में घिरे तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए सरकार पर दबाव बनाया.
इस मुद्दे पर सत्तापक्ष और पिपक्ष ने एक-दूसरे पर जम कर हमला किया. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भले ही सरकार इस कानून में संशोधन को तैयार हो गयी हो, किंतु इसका यह अर्थ नहीं है कि इन कानूनों में खामी है. कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि महामारी से पहले ही देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गयी थी.
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Posted by: Pritish Sahay