लॉकडाउन पर उठे सवाल को लेकर सरकार का जवाब कहा, हमने पूरी प्लानिंग के साथ लिया है फैसला
सरकार ने शनिवार को इन आरोपों को खारिज किया कि 21 दिन के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा किसी योजना के बिना की गई और कहा कि कोविड-19 को लेकर भारत की प्रतिक्रिया पहले से उठाया गया, अग्र सक्रिय और एक श्रेणीकृत कदम है
नयी दिल्ली : सरकार ने शनिवार को इन आरोपों को खारिज किया कि 21 दिन के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा किसी योजना के बिना की गई और कहा कि कोविड-19 को लेकर भारत की प्रतिक्रिया पहले से उठाया गया, अग्र सक्रिय और एक श्रेणीकृत कदम है . इसने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा कोरोना वायरस को अंतरराष्ट्रीय चिंता की जनस्वास्थ्य आपात स्थिति घोषित किए जाने से काफी पहले ही भारत सरकार अपनी सीमाओं पर एक ‘‘समग्र प्रतिक्रिया प्रणाली” स्थापित कर चुकी है.
सरकार की यह कहकर आलोचना की जा रही है कि इसने बिना किसी योजना के बंद की घोषणा कर दी. आलोचना के साथ देशभर में प्रवासी मजदूरों के जहां-तहां फंस जाने का उदाहरण दिया जा रहा है. सरकार ने कहा कि विदेशों से आनेवाले यात्रियों की स्क्रीनिंग, फिर वीजा निलंबन और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध जैसे कदम किसी अन्य देश से काफी पहले उठा लिए गए थे.
इसने कहा, ‘‘चीन और हांगकांग से आनेवाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग भारत में 30 जनवरी को कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आने से काफी पहले 18 जनवरी को ही शुरू कर दी गई थी.” सरकार ने कहा, ‘‘कोविड-19 को लेकर भारत की प्रतिक्रिया पहले से उठाया गया, अग्र सक्रिय, श्रेणीकृत कदम रही है.” इटली और स्पेन का उदाहरण देते हुए सरकार ने कहा कि भारत ने कई अग्र-सक्रिय कदम उठाए और अपने द्वारा उठाए गए कदमों का क्रमिक विवरण साझा किया.
उल्लेखनीय है कि इटली और स्पेन ने अपने-अपने यहां कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आने के क्रमश: 25 और 39 दिन बाद यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू की थी. सरकार ने कहा कि यह बयान ‘‘हास्यास्पद” है कि ‘‘समृद्ध भारतीयों” को स्क्रीनिंग के बिना लौटने दिया गया. इसने कहा कि सरकार ने स्क्रीनिंग की एक समग्र और मजबूत प्रणाली लाने के लिए त्वरित कार्रवाई की और शुरू से ही जनस्वास्थ्य संबंधी संकट से निपटने के लिए पृथक केंद्र तथा निगरानी इस मजबूत प्रतिक्रिया का हिस्सा रहे हैं.
सरकार ने कहा कि इसके दायरे में वह हर भारतीय आया जो कारोबार या पर्यटन के बाद लौटा. इसके दायरे में छात्र और विदेशी नागरिक भी आए. इसने कहा कि 30 हवाईअड्डों, 12 बड़े और 65 छोटे बिंदुओं तथा जमीनी सीमाओं पर यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई. सरकार ने कहा कि राज्यों से लगातार आग्रह किया जाता रहा है कि वे निगरानी को जारी रखें तथा इसमें और सुधार लाएं जिससे कि दायरा संपूर्ण हो सके और इसमें कोई खामी न रह पाए. इसने कहा, ‘‘एक सतर्क प्रणाली ने निगरानी से बचने की कोशिश करनेवालों तथा अलग-थलग रहने के कदमों का पालन न करनेवालों का पता लगाने में राज्यों को सक्षम बनाया है.”