नयी दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोनावायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. ऐसे में अरविंद केजरीवाल सरकार एकबार फिर दिल्ली में लॉकडाउन लगा सकती है. बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और गृह मंत्री अमित शाह की मुलाकात के बाद मीडिया में इसकी चर्चा है. एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों में पूरे बेड लगभग भरे हुए हैं.
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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा करने के लिए बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. मुख्यमंत्री ने कहा कि शाह ने उन्हें कोरोना वायरस संक्रमण का मुकाबला करने में सभी संभव सहयोग का आश्वासन दिया. उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैं माननीय गृहमंत्री अमित शाह से मिला. मैंने उनके साथ दिल्ली में कोरोना वायरस की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने सभी प्रकार के सहयोग का आश्वासन दिया.’
अमित शाह और अरविंद केजरीवाल की मुलाकात के बाद ये कयास लगाये जा रहे हैं कि दिल्ली में एक बार फिर लॉकडाउन लगाया जा सकता है. दिल्ली में मामले लगातार बढ़ रहे हैं और लॉकडाउन में छूट के बाद लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं. ऐसे में सरकार एक शख्त कदम के रूप में फिर से लॉकडाउन लगा सकती है. केंद्र सरकार ने भी लॉकडाउन लगाने के मामले में राज्य सरकारों की छूट दे रखी है. इसलिए अंतिम फैसला राज्य सरकार को लेना है.
दिल्ली में बुधवार को कोरोना वायरस 1,501 नये मामले सामने आये हैं, जिससे महानगर में कोविड-19 मामलों की कुल संख्या 32,000 से अधिक हो गयी है. इस वायरस के संक्रमण के कारण अब तक 984 लोगों की मौत हुई है. शहर में ऐसे मरीजों की संख्या 19 हजार से अधिक है जिनका इलाज चल रहा है. दिल्ली सरकार ने भी यह माना है कि प्रदेश में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और सरकार को और अधिक तैयारी की आवश्यकता है.
दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार कोविड-19 के मरीजों के लिए 20 जून तक 15,000 बिस्तरों की व्यवस्था करेगी. उन्होंने दावा किया कि भविष्य की स्वास्थ्य अवसंरचना की जरूरतों के मुताबिक तैयारियां की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार 30 जून की स्थिति के लिए तैयारी कर रही है और उसके लिए खेल के मैदानों, बैंक्वैट हॉल और होटलों में कोविड अवसंरचना निर्मित करने की तैयारी की जा रही है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि एक बार अन्य राज्यों के लोग इलाज के लिए दिल्ली आने लगेंगे तो यहां 31 जुलाई तक डेढ़ लाख बिस्तरों की आवश्यकता होगी. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार सभी को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने का ईमानदार प्रयास करेगी. एक वक्तव्य में जैन ने कहा कि 15 जून तक लगभग सात हजार बिस्तर भरे जायेंगे और 30 जून तक 15,000 बिस्तरों पर मरीज होंगे.
राजधानी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में नवनिर्मित इमारत का इस्तेमाल अब कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए किया जायेगा. एम्स में नवनिर्मित इस इमारत का इस्तेमाल पहले बर्न्स एंड प्लास्टिक सर्जरी ब्लॉक के तौर पर किया जाने वाला था. एम्स प्राधिकारियों का यह निर्णय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा बुधवार को यह कहने के बाद आया है कि एक बार लोगों के दूसरे राज्यों से इलाज के लिए शहर में आना शुरू होने पर 31 जुलाई तक दिल्ली में 1.5 लाख बेड की जरूरत होगी.
दिल्ली सरकार द्वारा कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए नामित पांच अस्पतालों में लगभग 70 प्रतिशत बिस्तर खाली पड़े हैं, इसके बावजूद राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 रोगियों के लिए बिस्तर उपलब्ध न होने या उपचार न मिलने की शिकायतें मिली हैं. इसको लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी स्थिति इसलिए है क्योंकि लोग सरकारी अस्पतालों में इलाज नहीं कराना चाह रहे हैं.
गुरुवार को ‘दिल्ली कोरोना’ ऐप पर साझा की गयी नवीनतम जानकारी के अनुसार, इन पांच कोविड-19 अस्पतालों में 3,000 से अधिक बिस्तर खाली पड़े हैं, जिनकी कुल क्षमता 4,344 बिस्तरों की है. दिल्ली सरकारों द्वारा संचालित अस्पतालों और निजी अस्पतालों में कुल 9,444 बिस्तर उपलब्ध हैं. इनमें से 4,371 खाली हैं. एलएनजेपी अस्पताल में 1,219 बिस्तर उपलब्ध हैं, जबकि जीटीबी अस्पताल में 1,314, राजीव गांधी सुपर स्पेशयलटी अस्पताल में 242 बिस्तर खाली हैं.
दिल्ली में ऐतिहासिक जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद शाह बुखारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोविड-19 मामलों में वृद्धि के चलते दिल्ली शहर में उत्पन्न ‘गंभीर’ स्थिति के मद्देनजर जामा मस्जिद तत्काल प्रभाव से 30 जून तक के लिए श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगी. बुखारी ने कहा कि उन्होंने यह निर्णय लोगों और इस्लामी विद्वानों से सलाह मशविरा करने के बाद किया है. यह कदम शाही इमाम के सचिव अमानुल्ला की मंगलवार रात को सफदरजंग अस्पताल में कोरोना वायरस के कारण मौत होने के बाद उठाया गया है.
सरकार के ‘अनलॉक-1′ के तहत रियायतें दिए जाने के साथ ही दो महीने से अधिक समय बाद आठ जून को जामा मस्जिद को खोला गया था। देश भर में आठ जून को शॉपिंग मॉल और कार्यालय समेत कई अन्य प्रतिष्ठानों के साथ धार्मिक स्थल खोलने पर बुखारी ने कोरोना वायरस के तेजी से प्रसार के मद्देनजर सरकारों से अपने फैसले पर पुन: विचार करने के लिए कहा है.
Posted By: Amlesh Nandan Sinha.