ममता बनर्जी ने राज्यसभा से निलंबित सदस्यों से बात की, उनकी कोशिश की प्रशंसा की
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यसभा के उन सदस्यों से बात की, जिन्हें कृषि विधेयकों के खिलाफ प्रदर्शन करने की वजह से निलंबित किया गया है. उन्होंने उनके द्वारा संसद के मूल्यों को कायम रखने की कोशिश की प्रशंसा की.
कोलकाता/नयी दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यसभा के उन सदस्यों से बात की, जिन्हें कृषि विधेयकों के खिलाफ प्रदर्शन करने की वजह से निलंबित किया गया है. उन्होंने उनके द्वारा संसद के मूल्यों को कायम रखने की कोशिश की प्रशंसा की.
कृषि से जुड़े दो विधेयकों के पारित होने के दौरान संसद के उच्च सदन में अभूतपूर्व रूप से अनियंत्रित दृश्य देखने को मिला था, जिसके एक दिन बाद आठ सदस्यों को निलंबित कर दिया गया. अब वे विपक्षी पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ निलंबन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘मुख्यमंत्री ने सांसदों से करीब 10 मिनट तक बात की और कृषि विधेयकों के खिलाफ उनकी लड़ाई और संसद के मूल्यों को कायम रखने की उनकी कोशिश की प्रशंसा की.’
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ममता बनर्जी ने सोमवार को सुबह सरकार के इस कदम की निंदा करते हुए ऑडियो संदेश जारी किया था, जिसमें उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह खुद को ताकतवर बनाने के लिए राज्यों को शक्तिविहीन बनाने की सभी कोशिशें कर रही है.
गौरतलब है कि सरकार ने सोमवार को एक प्रस्ताव पेश किया, जिसमें तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, कांग्रेस के राजीव सातव, रिपुण बोरेन और सैयद नाजीर हुसैन, भाकपा सदस्य केके रगेश और एलामारम करीब को निलंबित करने की मांग की गयी.
Suspension of the 8 MPs who fought to protect farmers interests is unfortunate & reflective of this autocratic Govt’s mindset that doesn’t respect democratic norms & principles. We won't bow down & we'll fight this fascist Govt in Parliament & on the streets.#BJPKilledDemocracy
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) September 21, 2020
इस प्रस्ताव को ध्वनि मत से स्वीकार कर लिया गया और उल्लेखित सांसदों को शेष मानसून सत्र से निलंबित कर दिया गया. सांसदों के निलंबन पर ममता बनर्जी ने कहा कि यह सरकार कर निरंकुश मानसिकता को दर्शाता है. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने भाजपा पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाते हुए कहा कि वह संसद और सड़क दोनों जगह ‘फासीवादी’ सरकार से लड़ेंगी.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘किसानों के हित के लिए लड़ने वाले आठ सांसदों को निलंबित किया जाना दुखद है और यह इस सरकार की निरंकुश मानसिकता को दर्शाता है, जो लोकतांत्रिक सिद्धांतों एवं नियमों में विश्वास नहीं रखती. हम झुकेंगे नहीं और इस फासीवादी सरकार से संसद और सड़क दोनों जगह लड़ेंगे.’
पार्टी ने तृणमूल के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन सहित सांसदों के निलंबन को ‘अलोकतांत्रिक’ करार दिया और कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा को ‘संसद को अराजक जंगल नहीं बनाने दिया जा सकता’. राज्यसभा में टीएमसी के मुख्य सचेतक सुखेंदु शेखर रॉय ने उच्च सदन चलाने के तरीके पर सवाल उठाया.
श्री रॉय ने यह भी कहा कि ‘लोकतंत्र के इस मंदिर’ में इस कार्यवाही की सभी खेमों को निंदा करनी चाहिए. राज्यसभा में रविवार को सरकार ने कृषि से संबंधित दो विधेयकों को पारित कराने पर जोर देने पर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया था. तृणमूल कांग्रेस सदस्यों के नेतृत्व में कुछ विपक्षी सदस्य आसन के बिल्कुल पास आ गये थे.
Posted By : Mithilesh Jha