MCD Election 2023: मेयर चुनाव में मनोनित सदस्य नहीं दे पाएंगे वोट, SC ने दी यह व्यवस्था, 17 को सुनवाई
MCD Mayor Election 2023: दिल्ली एमसीडी में मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव अब 16 फरवरी को नहीं होगा. एमसीडी मेयर के चुनाव को लेकर अब 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि दिल्ली नगर निगम के मनोनीत सदस्य महापौर चुनाव में वोट नहीं दे सकते.
MCD Mayor Election 2023: दिल्ली एमसीडी में मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव अब 16 फरवरी को नहीं होगा. एमसीडी मेयर के चुनाव को लेकर अब 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. इससे पहले आज यानी सोमवार को एमसीडी में मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में मनोनीत सदस्यों को वोट देने की अनुमति देने के दिल्ली के उपराज्यपाल के फैसले को चुनौती देने वाली आप नेता शैली ओबेरॉय की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि दिल्ली नगर निगम के मनोनीत सदस्य महापौर चुनाव में वोट नहीं दे सकते. वहीं, मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी.
16 फरवरी को नहीं होगा मतदान: एमसीडी मेयर पद चुनाव मामले में अब सुप्रीम कोर्ट में 17 फरवरी को सुनवाई होगी. कोर्ट के इस फैसले के बाद 16 फरवरी को होने वाला मतदान अब नहीं होगा. आज यानी सोमवार को हुई सुनवाई में दिल्ली के उपराज्यपाल कार्यालय ने कोर्ट से कहा कि 16 फरवरी को होने वाला मेयर चुनाव को 17 फरवरी के बाद की तारीख तक के लिए टाल रहे हैं.
एलजी ने दी थी सत्र बुलाने की मंजूरी: गौरतलब है कि दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कल यानी रविवार को मेयर पद के चुनाव को लेकर एमसीडी के अगले सत्र की बैठक 16 फरवरी को बुलाने की मंजूरी दी थी. लेकिन इस बीच एमसीडी में मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में मनोनीत सदस्यों को वोट देने की अनुमति वाले उपराज्यपाल के फैसले के खिलाफ आम आदमी पार्टी की ओर से आपत्ति और आप की मेयर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी.
Also Read: श्रद्धा हत्याकांड: आफताब ने कोर्ट से मांगा चार्जशीट और फुटेज की सॉफ्ट कॉपी, प्रमाण पत्र जारी करने की भी अपीलतीन बार हंगामे की भेंट चढ़ चुका है सत्र: इससे पहले दिल्ली नगर निगम सदन की कार्यवाही मेयर का चुनाव किए बिना तीन बार स्थगित हो चुकी है. बीते सोमवार यानी 6 फरवरी को सत्र की बैठक तीसरी बार हंगामे की भेंट चढ़ गया. जिसके बाद आम आदमी पार्टी ने उच्च न्यायालय का रुख करने की बात कही थी. बता दें, दिल्ली नगर निगम सदन में पीठासीन अधिकारी के महापौर, उपमहापौर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव के लिए मनोनीत सदस्यों को मतदान करने की अनुमति देने पर जमकर हंगामा हुआ था.