नई दिल्ली : दिल्ली में तीनों नगर निगमों को मिलाकर एक बार फिर एक निगम बना दिया गया है. उत्तरी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को मिलाकर एक नगर निगम बनाने वाले कानून पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से मुहर लगा दिए जाने के बाद करीब एक दशक से अधिक समय बाद एक बार फिर दिल्ली नगर नगर (एमसीडी) अपने पुराने अस्तित्व पर लौट आया है. दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कार्यकाल के दौरान वर्ष 2011 में एमसीडी को तीन निगमों में बांटने का फैसला किया गया था. 2012 के निगम चुनाव से पहले ही एमसीडी को बांटकर तीन भागों में बांट दिया गया था. अब करीब एक दशक बाद जब दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक कर दिया गया है, तो इसके चुनाव की तिथि आगे बढ़ने की अटकलें तेज हो गई हैं.
बता दें कि भारत के सबसे बड़े नगर निकाय में शुमार एमसीडी को तीन भागों में बांटने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के शासनकाल में वर्ष 2011 के दिसंबर महीने में विधानसभा से दिल्ली नगर निगम संशोधन विधेयक पारित किया गया था. दिल्ली विधानसभा से पारित होने के बाद 2012 में निगम चुनाव से पहले एमसीडी को तीन भागों में विभाजन को क्रियान्वित किया गया. विभाजन के बाद उत्तरी दिल्ली नगर निगम, पूर्वी दिल्ली नगर निगम और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम का गठन किया गया.
पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कार्यकाल में एमसीडी को तीन भागों में बंटवारे के पीछे सरकार की ओर से तर्क यह दिया गया था कि इसके विभाजन के बाद इसके कामकाज में सुधार होगा और राजस्व में इजाफा होगा, लेकिन बंटवारे के एक दशक बाद भी इसके राजस्व और कामकाज में किसी प्रकार का सुधार होता दिखाई नहीं दिया. उल्टे प्रशासनिक अधिकारियों और कार्यों के संचालन के मद में खर्च बढ़ ही गए. बताया यह जा रहा है कि विभाजन के बाद तीनों नगर निगम लगातार वित्तीय संकट में फंसते चले गए.
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अब इसके विभाजन के करीब एक दशक बाद देश की संसद से दिल्ली नगर निगम के एकीकरण को लेकर विधेयक पारित किया गया. संसद के बजट सत्र के दौरान केंद्र की मोदी सरकार ने दिल्ली नगर निगम संशोधन विधेयक 2022 के जरिए तीनों नगर निगमों के एकीकरण का फैसला किया गया. सूत्रों की ओर से प्राप्त जानकारी के अनुसार, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिल्ली के तीनों नगर निगमों के एकीकरण वाले विधेयक पर अपनी मुहर लगा दी है और इसका नाम एक बार फिर दिल्ली नगर निगम यानी एमसीडी रखा गया है.