नयी दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में हाल के वर्षों में हुई सबसे बड़ी त्रासदी मुंडका अग्निकांड (Mundka Fire Tragedy) के तीन आरोपियों मनीष लकड़ा, हरीश गोयल और वरुण गोयल की न्यायिक हिरासत पर दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को फैसला सुरक्षित रख लिया.
मनीष लकड़ा (Manish Lakra) उस मकान का मालिक है, जिसमें 13 मई को भीषण आग लगी थी. हरीश गोयल (Harish Goyal) और वरुण गोयल (Varun Goyal) दोनों उसी बहुमंजिली इमारत में एक कंपनी के मालिक हैं. हरीश और वरुण गोयल को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था, जबकि मनीष लकड़ा को कई दिन बाद गिरफ्तार किया जा सका था.
गिरफ्तारी से बचने के लिए मनीष लकड़ा फरार हो गया था. उसकी गिरफ्तारी के लिए एक पुलिस दल का गठन किया गया. पुलिस की टीम ने उसे हरियाणा-दिल्ली सीमा के पास स्थित घेवरा मोड़ से गिरफ्तार किया. पूछताछ में पुलिस को पता चला कि जिस वक्त यह घटना हुई, उस समय लकड़ा बिल्डिंग की सबसे ऊपरी मंजिल पर मौजूद था.
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जैसे ही उसे इस बात का आभास हुआ कि बिल्डिंग में आग लग गयी है, तो वह अपनी मां, पत्नी और दो बच्चों के साथ इमारत से बाहर निकल गया. इसके बाद उसने अपना फोन न केवल स्विच ऑफ कर दिया, बल्कि मोबाइल फोन को तोड़ भी डाला. उसने फोन को तोड़ डाला, ताकि उसके लोकेशन का किसी को पता न चल सके.
Delhi court reserves the order on judicial custody of accused Manish Lakra, Harish Goyal and Varun Goyal in the Mundka fire tragedy case.
— ANI (@ANI) May 18, 2022
हालांकि, पुलिस की टीम ने उसके दोस्तों एवं परिवार के अन्य सदस्यों से संपर्क करके उन पर दबाव डाला. इसके बाद मनीष लकड़ा के बारे में पुलिस को जानकारी मिली. मनीष लकड़ा जब हरिद्वार भागने की कोशिश कर रहा था, तभी पश्चिमी दिल्ली से उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी में 13 मई को पश्चिमी दिल्ली के मुंडका इलाके में मेट्रो स्टेशन के पास एक बहुमंजिली इमारत में भीषण आग लग गयी. इसमें 27 लोगों की मौत हो गयी और 12 अन्य घायल हो गये. घटना के एक दिन बाद ही हरीश एवं वरुण गोयल को गिरफ्तार कर लिया गया था. उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.