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NIA ने 12 मानव तस्करों के खिलाफ दाखिल किया चार्जशीट, 10 गिरफ्तार आरोपितों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हैदराबाद में विशेष अदालत में शनिवार को अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी मामले में 12 तस्करों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया. मानव तस्करी से बचायी गयीं लड़कियों को फिलहाल हैदराबाद के आश्रय घरों में रखा गया है. साथ ही गिरफ्तार 10 आरोपितों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हैदराबाद में विशेष अदालत में शनिवार को अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी मामले में 12 तस्करों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया. मानव तस्करी से बचायी गयीं लड़कियों को फिलहाल हैदराबाद के आश्रय घरों में रखा गया है. साथ ही गिरफ्तार 10 आरोपितों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

जानकारी के मुताबिक, एनआईए ने अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी मामले में 12 आरोपितों के खिलाफ शनिवार को चार्जशीट दायर की. इनमें से नौ आरोपित बांग्लादेश के नागरिक हैं. जबकि, तीन अन्य आरोपितों में दो आरोपित महाराष्ट्र और एक आरोपित पश्चिम बंगाल का निवासी है.

एनआईए ने बांग्लादेश निवासी अब्दुल बारिक शेख, मोहम्मद यूसुफ खान, बिथी बेगम, मोहम्मद राणा हुसैन, मोहम्मद अल मामून, सोजिब शेक, सुरेश कुमार दास, मोहम्मद अब्दुल्ला मुंशी और महद अयूब शिक के साथ-साथ महाराष्ट्र निवासी असद हसन व शैरीफुल शैक और पश्चिम बंगाल निवासी रूहुल अमीन ढली को आरोपित किया है.

हैदराबाद पुलिस ने मानव तस्करों के आरोपितों में से 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जिन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. मालूम हो कि बांग्लादेश की चार लड़कियों को विभिन्न इलाकों में छापेमारी कर पिछले माह 21 सितंबर को वेश्यालय से छुड़ाया गया था. साथ ही कई डिजिटल उपकरण, नकली भारतीय पहचान पत्र और अन्य सामग्री को जब्त किया गया था.

एनआईए के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपित रुहुल अमीन ढली और अब्दुल बारिक शेख ने बांग्लादेश से भारत में अवैध रूप से युवा लड़कियों की तस्करी की थी. रूहुल अमीन धाली को एनआईए ने पिछले साल दिसंबर माह में ही गिरफ्तार कर लिया था.

रूहुल अमीन ढली और अन्य 10 गिरफ्तार अभियुक्तों ने साल 1980 में भारत में अवैध रूप से प्रवेश किया. साथ ही भारत के विभिन्न हिस्सों में यूसुफ खान और बिथी बेगम (पति और पत्नी) के साथ वेश्यावृत्ति का रैकेट बनाया.

सभी 12 आरोपितों ने बांग्लादेश में अपने सहयोगियों के साथ साजिश रचते हुए 19 से 25 साल की बांग्लादेशी लड़कियों को सोनई नदी पार करके और कोलकाता के रास्ते भारत ले आये और फिर उन्हें भारत के विभिन्न स्थानों मुंबई और हैदराबाद ले जाया गया.

इन बांग्लादेशी लड़कियों को बेहतर नौकरी और बेहतर जीवन देने का लालच देकर भारत लाया गया. साथ ही आपराधिक साजिश रचते हुए नकली भारतीय पहचान पत्र भी लड़कियों को उपलब्ध कराये गये. यहां आने पर अंत में वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया गया.

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