डीएलएफ बढ़ सकती हैं मुश्किलें, मोती नगर के हाउसिंग सोसायटी की जांच करा सकता है उत्तरी दिल्ली नगर निगम
उत्तरी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति की बैठक में सदस्य विजेंद्र यादव डीएलएफ की बकाया राशि के भुगतान व अवैध अतिक्रमण की जांच कराने की मांग उठाते हुए कहा कि मोती नगर के रामा रोड स्थित डीएलएफ कैपिटल और डीएलएफ मिड टाउन हाउसिंग सोसायटी का हाउस टैक्स और कन्वर्जन चार्ज के रूप में लाखों रुपये का बकाया है.
नई दिल्ली : रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ (दिल्ली लैंड एंड फाइनेंस लिमिटेड) की परेशानियां बढ़ सकती हैं. इसका कारण यह है कि राष्ट्रीय राजधानी स्थित मोती नगर के रामा रोड स्थित डीएलएफ कैपिटल ग्रीन और डीएलएफ मिड टाउन हाउसिंग सोसायटी की उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा बकाया हाउस टैक्स और कन्वर्जन चार्जेज को लेकर जांच की जा सकती है. उत्तरी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति के सदस्य विजेंद्र यादव ने डीएलएफ की बकाया राशि और निगम के पार्क और नाले पर अवैध कब्जे को लेकर सदन की बैठक में जांच की मांग उठाई है.
उत्तरी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति की बैठक में समिति के सदस्य विजेंद्र यादव रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ की बकाया राशि के भुगतान और अवैध अतिक्रमण की जांच कराने की मांग उठाते हुए कहा कि मोती नगर के रामा रोड स्थित डीएलएफ कैपिटल और डीएलएफ मिड टाउन हाउसिंग सोसायटी का हाउस टैक्स और कन्वर्जन चार्ज के रूप में लाखों रुपये का बकाया है. उन्होंने कहा कि डीएलएफ ने अब तक न तो बकाया हाउस टैक्स और न ही कन्वर्जन चार्ज का भुगतान किया है.
इसके साथ ही, उन्होंने सदन के सामने निगम की निगम के पार्क और नाले पर अवैध कब्जे का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि डीएलएफ की ओर से न तो बकाया हाउस टैक्स का भुगतान किया गया है और न ही कन्वर्जन चार्ज ही जमा कराया गया है. इसके साथ ही, कंपनी ने निगम की अनुमति से अधिक टावर की ऊंचाई भी बढ़ा रखी है.
उत्तरी दिल्ली स्थायी समिति के सदस्य विजेंद्र यादव ने निगम के पार्क और नाले पर अवैध कब्जे का मुद्दा उठाते हुए कहा कि डीएलएफ ने इन दोनों हाउसिंग सोसायटियों के सामने निगम के नाले पर अवैध अतिक्रमण भी कर रखा है. उन्होंने कहा कि हाउसिंग सोसायटियों के पास करीब एक एकड़ रकबे पर फैले निगम के पार्क पर भी अवैध कब्जा किया गया है.
उन्होंने कहा कि निगम के इस पार्क पर कब्जा करके हाउसिंग सोसायटी में मिला दिया गया है. इसके साथ ही, करीब डेढ़ एकड़ रकबे के ग्रीन बेल्ट एरिया पर अवैध निर्माण भी कराया गया है. निर्धारित एफएआर से अधिक निर्माण कराया गया है.