कृपया ध्यान दें! Delhi-NCR में 1 नवंबर से नहीं चलेंगी दूसरे राज्यों से आने वाली डीजल बसें

इस प्रतिबंध का उद्देश्य दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करना है. दिल्ली में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या है, और डीजल वाहन इस समस्या का एक प्रमुख कारण हैं. डीजल बसें बड़ी मात्रा में प्रदूषक पैदा करती हैं, जो वायु गुणवत्ता को खराब करती हैं.

By Abhishek Anand | October 31, 2023 9:27 PM
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दिल्ली सरकार ने 1 नवंबर से दूसरे राज्यों से आने वाली डीजल बसों पर प्रतिबंध लगा दिया है. यह प्रतिबंध हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल, राजस्थान और पंजाब से आने वाली बसों पर लागू होगा. केवल उन्हीं डीजल बसों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी जो बीएस6 कैटेगरी वाली हैं. इसके अलावा सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों की भी एंट्री बनी रहेगी.

दिल्ली में बिगड़ती वायु गुणवत्ता को सुधारने की दृष्टि से उठाया गया कदम 

दिल्ली में बिगड़ती वायु गुणवत्ता के जवाब में, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने 30 अक्टूबर को घोषणा की कि, 1 नवंबर से, अन्य राज्यों से आने वाली डीजल बसों को दिल्ली-एनसीआर में प्रवेश करने से रोक दिया जाएगा. एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, राय ने कहा कि दिल्ली सरकार अगले 15 दिनों के महत्व पर जोर देते हुए अपनी शीतकालीन कार्य योजना को सक्रिय रूप से क्रियान्वित कर रही है.

लगातार बिगड़ रहा एक्यूआई

उल्लेखनीय रूप से, औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) पिछले साल 29 अक्टूबर को 397 से सुधरकर हाल ही में 325 हो गया है. सरकार इसमें और वृद्धि के लिए प्रतिबद्ध है. दिल्ली में औद्योगिक इकाइयाँ स्वच्छ प्राकृतिक गैस की ओर परिवर्तित हो गई हैं, और समर्पित टीमें प्रदूषित ईंधन के उपयोग की निगरानी कर रही हैं. “रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ” पहल स्वैच्छिक है, जिसमें दिल्लीवासियों से रेड सिग्नल पर अपने वाहन के इंजन बंद करने की अपील की गई है. राय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि दिल्ली-एनसीआर के बाहर से आने वाली सभी डीजल बसें वैकल्पिक ईंधन स्रोतों में स्थानांतरित हो जाएंगी, जो प्रदूषण से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. इससे पहले, राय ने केंद्र सरकार से घटिया डीजल बसों पर कड़ा प्रतिबंध लगाने और हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के एनसीआर क्षेत्रों में बीएस III और बीएस IV बसों को प्रतिबंधित करने का आह्वान किया था.

इस प्रतिबंध से दिल्ली में वायु प्रदूषण में 10% की कमी आएगी

इस प्रतिबंध का उद्देश्य दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करना है. दिल्ली में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या है, और डीजल वाहन इस समस्या का एक प्रमुख कारण हैं. डीजल बसें बड़ी मात्रा में प्रदूषक पैदा करती हैं, जो वायु गुणवत्ता को खराब करती हैं. दिल्ली सरकार का कहना है कि यह प्रतिबंध दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. सरकार का अनुमान है कि इस प्रतिबंध से दिल्ली में वायु प्रदूषण में 10% की कमी आएगी.

इस प्रतिबंध के खिलाफ परिवहन उद्योग ने विरोध किया है

इस प्रतिबंध के खिलाफ परिवहन उद्योग ने विरोध किया है. परिवहन उद्योग का कहना है कि यह प्रतिबंध बसों के संचालन की लागत को बढ़ाएगा. परिवहन उद्योग का कहना है कि बीएस6 डीजल बसों की कीमत बीएस4 डीजल बसों की तुलना में अधिक है. इसके अलावा, बीएस6 डीजल बसों को चलाने के लिए अधिक ईंधन की आवश्यकता होती है.

बीएस4 डीजल बसों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति

दिल्ली सरकार ने परिवहन उद्योग के विरोध को देखते हुए कुछ छूट दी है. सरकार ने कहा है कि बीएस4 डीजल बसों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति होगी, लेकिन उन्हें एक शुल्क देना होगा. इस शुल्क का उपयोग दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए किया जाएगा.

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