Delhi Liquor Policy: दिल्ली में शराब नीति पर सियासत तेज, नयी आबकारी नीति के चलते 200 से अधिक दुकानें बंद

दिल्ली में नई शराब नीति के चलते पक्ष और विपक्ष हमलावर है. नीति के लागू होने से दिल्ली में 200 से अधिक शराब की दुकानें बंद हो चुकी है. वहीं, आने वालें कुछ दिनों में कई और दुकानें भी बंद होने की संभावना है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 30, 2022 2:41 PM
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दिल्ली सरकार ने नयी आबकारी नीति को फिलहाल वापस लेने का फैसला किया है और सरकार द्वारा संचालित दुकानों के जरिये शराब की बिक्री किए जाने का निर्देश दिया है. हालांकि इस नीति के लागू होने से दिल्ली में 200 से अधिक शराब की दुकानें बंद हो चुकी है. वहीं, आने वालें कुछ दिनों में कई और दुकानें भी बंद होने की संभावना है. इधर दिल्ली के मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी विपक्षी दल भाजपा पर जमकर निशाना साधा है.


9 जोन के दुकानदारों ने सरेंडर किया लाइसेंस

नई शराब नीति को लेकर शराब कारोबारियों में आक्रोश देखा गया. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो कई शराब कारोबारियों ने सरकार को अपना लाइसेंस वापस कर दिया है. इसके पिछेे की बड़ी वजह नई शराब नीति के कारण दुकानदारों को आर्थिक नुकसान हो रहा है. सूत्रों की मानें तो अब तक 9 जोन के दुकानदारों ने आबकारी विभाग को अपना लाइसेंस सरेंडर कर चुके हैं. यानी 160 दुकानों में अब ताला लटक रहा है.

उपमुख्यमंत्री ने भाजपा पर जमकर साधा निशाना

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को कहा कि कई लाइसेंसधारियों ने अब दुकानें बंद कर दी हैं और आबकारी अधिकारी खुदरा लाइसेंस की खुली नीलामी शुरू करने को लेकर डरे हुए थे. सिसोदिया ने आगे कहा, भाजपा दिल्ली में शराब की कमी पैदा करना चाहती है, ताकि वे दिल्ली में शराब का अवैध व्यापार कर सकें, जैसा कि वे गुजरात में कर रहे हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे.

BJP पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप

सिसोदिया ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि भाजपा गुजरात में अवैध शराब का कारोबार चला रहे हैं और वे अब दिल्ली में भी ऐसा ही करना चाहते हैं. सिसोदिया ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा शराब की दुकानों के लाइसेंसधारियों और आबकारी अधिकारियों को धमकाने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी एजेंसी का इस्तेमाल कर रही है.

नयी नीति के तहत 468 शराब दुकानें संचालित

उन्होंने कहा, दिल्ली के मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि शराब अब केवल सरकारी दुकानों के माध्यम से बेची जाए और कोई अराजकता न हो. नयी आबकारी नीति के तहत दिल्ली में इस समय करीब 468 शराब की दुकानें संचालित हैं. इस नीति की अवधि को 30 अप्रैल के बाद दो बार दो-दो महीने के लिए बढ़ाया गया था. यह अवधि 31 जुलाई को समाप्त होगी.

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भाजपा ने साधा निशाना

नयी शराब नीति को लेकर विपक्षी दल भाजपा अरविंद केजरीवाल सरकार पर हमलावर है. वहीं, दिल्ली के उपराज्यपाल ने भी चीफ सेक्रेटरी की एक रिपोर्ट पर नयी आबकारी नीति में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. इस मामले के सामने आते ही भाजपा, कांग्रेस समेत कई दलों ने मनीष सिसोदिया के इस्तीफे की मांग की है.

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