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25 मार्च से दिल्ली के लोगों को घर पर पहुंचाकर मिलेगा राशन
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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सीमापुरी इलाके में 100 घरों से करेंगे शुरुआत.
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इस योजना से दिल्ली के 70 इलाकों में 17 लाख लोगों को होगा फायदा.
नयी दिल्ली : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) 25 मार्च को दिल्ली में मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना (Mukhya Mantri Ghar Ghar Ration Yojana) की शुरुआत करेंगे. इस योजना की शुरुआत सीमापुरी इलाके के 100 घरों से होगी. बाद में एक अप्रैल से इस योजना की शुरुआत दिल्ली के बाकी इलाकों में होगी. दिल्ली सरकार के खाद्य आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन ने इस बात की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत कार्ड धारियों को उनके घर तक पहुंचाकर राशन दिया जायेगा.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहले ही इस बात की घोषणा करते हुए कहा था कि इस योजना से करीब 17 लाख दिल्लीवासियों को फायदा होगा. राजधानी के 70 सर्किल में इस योजना को चलाया जायेगा. मुख्यमंत्री ने 26 जनवरी को इस योजना की घोषणा की थी और कहा था कि मार्च तक इसे शुरू कर दिया जायेगा. केजरीवाल के विधानसभा क्षेत्र नयी दिल्ली और बल्लीमरान में इस योजना की शुरुआत अप्रैल में होगी.
राशन के रूप में कार्डधारियों को गेहूं की जगह आटा दिया जायेगा. पिसाई कार्डधारी को ही देनी होगी. राशन पहुंचाने का खर्च कौन वहन करेगा इसकी जानकारी अभी नहीं दी गयी है. जिस वाहन से राशन को गोदाम से लेकर लाभुक के घर तक पहुंचाया जायेगा उसे जीपीएस में माध्यम से ट्रैक किया जायेगा. खाद्य आपूर्ति मंत्री ने दिल्ली स्टेट सिविल सप्लाई कारपोरेशन लिमिटेड और दिल्ली स्टेट कंज्यूमर कोआपरेटिव स्टोर लिमिटेड को सीमापुरी के 100 घरों को चिह्नित करने का निर्देश दिया है.
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वित्त मंत्रालय ने कहा कि 17 राज्यों ने ‘एक देश- एक राशन कार्ड’ सिस्टम को लागू कर दिया गया है. इस योजना से जुड़ने वाले राज्यों में सबसे ताजा नाम उत्तराखंड का है. एक देश- एक राशन कार्ड प्रणाली जैसे महत्वपूर्ण सुधार को पूरा करने वाले राज्य अपने सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 0.25 प्रतिशत तक अतिरिक्त उधार के पात्र बन जाते हैं. इस प्रणाली के तहत राशनकार्ड धारक देश में कहीं भी राशन की दुकान से अपने हिस्से का राशन ले सकते हैं.
वन नेशन-वन राशन कार्ड यानी एक राष्ट्र- एक राशन कार्ड प्रणाली के कार्यान्वयन से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं, विशेष रूप से प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवारों को, पूरे देश में कहीं भी उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) पर लाभार्थियों को राशन की उपलब्धता सुनिश्चित होती है. ये सुधार विशेष रूप से प्रवासी आबादी को ज्यादातर मजदूरों, दैनिक भत्ता लेने वाले श्रमिकों, कूड़ा हटाने वाले, सड़क पर रहने वाले, संगठित और असंगठित क्षेत्रों में अस्थायी कामगार, घरेलू श्रमिकों आदि को खाद्य सुरक्षा के संदर्भ में सशक्त बनाता है, जो अक्सर कामकाज के लिए अपने मूल राज्य से दूसरे राज्यों में जाते हैं. दिल्ली में 25 मार्च से लोगों को घर पर राशन मिलने तथा Latest News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ.
Posted By: Amlesh Nandan.