दंगे के षड्यंत्रकारियों ने बड़ी संख्या में भीड़ जुटाने और हिंसा के दिल्ली की आदर्श जगह माना

नयी दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने अदालत में दाखिल किये गये अपने आरोप पत्र में आरोप लगाया है कि फरवरी में हुए दंगे के ‘मुख्य षड्यंत्रकारियों' ने उत्तर पूर्वी दिल्ली को उसकी विशिष्ट आर्थिक, सामाजिक एवं जनसांख्यिकीय संरचना को देखकर चुना क्योंकि वह ‘बड़े पैमाने पर लोगों को जुटाने एवं हिंसा' के लिए आदर्श स्थान था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 22, 2020 10:26 PM

नयी दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने अदालत में दाखिल किये गये अपने आरोप पत्र में आरोप लगाया है कि फरवरी में हुए दंगे के ‘मुख्य षड्यंत्रकारियों’ ने उत्तर पूर्वी दिल्ली को उसकी विशिष्ट आर्थिक, सामाजिक एवं जनसांख्यिकीय संरचना को देखकर चुना क्योंकि वह ‘बड़े पैमाने पर लोगों को जुटाने एवं हिंसा’ के लिए आदर्श स्थान था.

पुलिस ने कहा कि दक्षिण पूर्व दिल्ली की तुलना में यह स्थान बहुत ही ज्यादा ‘संवेदनशील’ एवं ‘बांटने योग्य’ पाया गया तथा नेता तो अपने आलीशान जगहों पर सुरक्षित रूप से टीवी से चिपके रहे जबकि उसका दंश मेहनत-मजदूरी कर अपनी रोजी-रोटी कमाने वालों ने झेला. सोलह सितंबर को दाखिल किये गये आरोप पत्र में कहा गया कि स्थानीय लोगों के विरोध के बावजूद प्रदर्शन स्थल स्थापित किये गये और इसके पक्ष में कई गवाहों के बयान हैं.

आरोप पत्र में कहा गया है, ‘मुस्लिम बहुल हिस्सों में तथा मिश्रित जनसंख्या की ओर जाने वाली सड़कों के समीप धरना स्थलों का चयन एवं मुख्य सदस्यों के बीच निगरानी के काम के सावधानीपूर्वक वितरण से कोई संदेह शेष रह ही नहीं जाता कि मंशा अधिक से अधिक सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने, नुकसान एवं विध्वंस की थी.’

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आरोप पत्र में कहा गया है कि नेता दिल्ली एनसीआर में अपने आलीशान घरों में टीवी के सामने सुरक्षित बैठे रहे और संचार उपकरणों से जानकारियां लेते रहे या अन्यत्र उपस्थिति का भाव पैदा करने के लिए दिल्ली से चले गये जबकि इस साजिश का दंश उन लोगों ने झेला जो भारत की इस सबसे अधिक घनी आबादी वाले जिले में रहते हैं और खून-पसीने की कमाई से दो जून की रोटी जुटाते हैं.

Posted by: Amlesh nandan.

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