Sadar Bazar Assembly Election Seat History : सदर बाजार में क्या आम आदमी पार्टी बना पाएगी जीत की हैट्रिक?

Sadar Bazar Assembly Election Seat History : सदर बाजार विधानसभा में क्या आम आदमी पार्टी बना पाएगी जीत की हैट्रिक? जानें पिछले दो चुनावों के रिजल्ट के बारे में.

By Amitabh Kumar | January 15, 2025 7:25 AM

Sadar Bazar Assembly Election Seat History : दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को वोटिंग होगी. मतों की गणना 8 फरवरी को होगी. सदर बाजार दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. यह चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. 2020 के चुनाव में, आम आदमी पार्टी (आप) के सोम दत्त ने 68,790 वोटों के साथ जीत दर्ज की थी. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी, बीजेपी के जय प्रकाश ने 43,146 वोट हासिल किए, जबकि कांग्रेस के सतबीर शर्मा को 9,857 वोट मिले.

2015 के चुनाव में सदर बाजार का रिजल्ट क्या रहा?

पिछले 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में, आप के सोम दत्त ने भी 67,507 वोटों के साथ जीत हासिल की थी1 उनके बाद बीजेपी के प्रवीण कुमार जैन रहे जिन्हें 33,192 वोट मिले. कांग्रेस के अजय माकन को 16,331 वोट मिले थे.

सदर बाजार है एक प्रमुख थोक बाजार

पुरानी दिल्ली में स्थित सदर बाजार एक प्रमुख थोक बाजार है. यह भारी भीड़भाड़ वाला इलाका है. एशिया और भारत के सबसे बड़े थोक बाजार के रूप में सदर बाजार में प्रतिदिन लगभग 300 करोड़ रुपये का कारोबार होता है. कारोबार की अधिकता होने की वजह से यहां भीड़भाड़ रहती है.

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 के चुनाव का रिजल्ट क्या था?

2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आम आदमी पार्टी (आप) के पक्ष में आए. अरविंद केजरीवाल की पार्टी प्रचंड बहुमत के साथ दिल्ली की सत्ता में वापस लौटी. इस साल आप ने 67 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि बीजेपी को महज तीन सीट मिली थी. इस साल कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला.

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के चुनाव का रिजल्ट क्या था?

2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) ने जीत दर्ज की, लेकिन 2015 की तुलना में कुछ सीट कम आई. इस साल अरविंद केजरीवाल की पार्टी को 62 सीट मिली, वहीं बीजेपी ने 8 सीट पर जीत हासिल की थी. इस चुनाव में भी कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई.

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2013 के चुनाव का रिजल्ट क्या था?

आम आदमी पार्टी ने 2013 के पहले चुनाव में 28 सीटों पर जीत हासिल की थी. कांग्रेस ने 8 सीटें जीती थी, जबकि बीजेपी 32 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी थी.

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