School Reopen news : 14 फरवरी से दिल्ली में नर्सरी से 8वीं तक के बच्चों के लिए खुलेंगे स्कूल

केंद्र सरकार ने बच्चों को स्कूल बुलाने के लिए अभिभावकों की अनिवार्य सहमति लेने के नियम को हटा दिया है और यह राज्यों पर छोड़ दिया है. लेकिन दिल्ली सरकार ने इस नियम को जारी रखने का फैसला किया है.

By Agency | February 11, 2022 5:58 PM

School Reopen : कोरोना वायरस की तीसरी लहर के बाद दिल्ली के तमाम स्कूल बंद थे, सात फरवरी से 9-12 तक के बच्चों के लिए स्कूल खोल दिये गये थे और अब नर्सरी से आठवीं तक के बच्चों के स्कूल खोले जायेंगे. हालांकि, अब भी बच्चों के माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर पूरी तरह तैयार नहीं हैं.

स्कूल खोलने को लेकर अभिभावकों को दी गयी सूचना

पीटीआई न्यूज के अनुसार रोहिणी स्थित श्रीराम वंडर इयर्स स्कूल की प्रमुख शुभी सोनी ने कहा, हम फेजवाइज स्कूल खोल रहे हैं. एसएमएस और ईमेल के जरिये अभिभावकों को जानकारी दी जा रही है.

प्रकृति के करीब रहकर पढ़ाई की योजना

मौसम को ध्यान में रखकर हम पढ़ाई कक्षाओं से बाहर और हवादार स्थान पर कराने की योजना बना रहे हैं. बाहर के उपकरण और प्रकृति का इस्तेमाल कर बच्चों को पढ़ाने और पाठ्यक्रम पर काम कर रहे हैं, कक्षा के बाहर की गतिविधियों जैसे खेलों और मैदान में खेले जाने वाले खेलों को बढ़ावा दे रहे हैं.

स्कूल कर रहे हैं तैयारियों

पूर्वी दिल्ली के एक स्कूल में प्राथमिक इकाई की अध्यक्ष अमिता शर्मा ने कहा, पहले महीने, हम प्राथमिक कक्षाओं में बच्चों को सहज बनाने की योजना बना रहे हैं क्योंकि इनमें से कुछ छात्र पहली बार स्कूल में दाखिल होंगे. हम विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग गतिविधियों की योजना बना रहे हैं.

28 दिसंबर से बंद थे स्कूल

उल्लेखनीय है कि स्कूलों को थोड़े समय के लिए खोला गया था लेकिन ओमीक्रोन स्वरूप की वजह से आई तीसरी लहर के मद्देनजर 28 दिसंबर को स्कूलों को दोबारा से बंद कर दिया गया. केंद्र सरकार ने बच्चों को स्कूल बुलाने के लिए अभिभावकों की अनिवार्य सहमति लेने के नियम को हटा दिया है और यह राज्यों पर छोड़ दिया है. लेकिन दिल्ली सरकार ने इस नियम को जारी रखने का फैसला किया है.

अभिभावकों के मन में है डर

इसके साथ ही स्कूलों द्वारा अधिकतम 50 प्रतिशत विद्यार्थियों को बुलाने के नियम को भी हटा दिया है और यह उनपर छोड़ दिया है कि वे अपनी अवंसरचना के आधार पर संख्या तय करें. एक शीर्ष निजी स्कूल के प्रधानाचार्य ने पहचान गुप्त रखते हुए कहा, अभिभावक, खासतौर पर जिनके बच्चे छोटी कक्षाओं में हैं,वे अब भी बच्चों को स्कूल भेजने में डर रहे हैं. हमने सहमति फॉर्म भेजा है लेकिन इसपर प्रतिक्रिया बहुत अच्छी नहीं है. हमने अब अभिभावकों की चिंता को दूर करने के लिए परामर्श सत्र आयोजित करने की योजना बनाई है.

Also Read: टाटा संस ने अगले पांच वर्षों के लिए एन चंद्रशेखरन को दोबारा चेयरमैन नियुक्त किया

Next Article

Exit mobile version