School Reopening : कोरोना और लॉकडाउन के बाद से कहां गायब हो गए दिल्ली की सरकारी स्कूलों के 2.25 लाख बच्चे?
नयी दिल्ली : दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी के स्कूलों में पंजीकृत करीब 15 फीसदी छात्रों का लॉकडाउन (Lockdown/Umlock) लागू होने के बाद से ही कोई अता-पता नहीं है और ये विद्यार्थी ऑनलाइन कक्षाओं में भी शामिल नहीं हो पा रहे हैं. दिल्ली सरकार (Delhi Government) के 1100 से अधिक स्कूलों में करीब 15 लाख छात्र पंजीकृत हैं. इस हिसाब से करीब सवा दो लाख बच्चों का अता-पता नहीं है.
नयी दिल्ली : दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी के स्कूलों में पंजीकृत करीब 15 फीसदी छात्रों का लॉकडाउन (Lockdown/Umlock) लागू होने के बाद से ही कोई अता-पता नहीं है और ये विद्यार्थी ऑनलाइन कक्षाओं में भी शामिल नहीं हो पा रहे हैं. दिल्ली सरकार (Delhi Government) के 1100 से अधिक स्कूलों में करीब 15 लाख छात्र पंजीकृत हैं. इस हिसाब से करीब सवा दो लाख बच्चों का अता-पता नहीं है.
सिसोदिया ने कहा कि इन छात्रों का पता लगाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं ताकि उन्हें प्रणाली में वापस लाया जा सके. सिसोदिया दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री भी हैं. उन्होंने पीटीआई भाषा से कहा, ‘हमलोग पूरी तरह से अध्यापन का संचालन कर रहे हैं. यह या तो आनलाइन हो रहा है अथवा फोन के माध्यम से और शिक्षकों को प्रत्येक छात्र के साथ व्यक्तिगत भागीदारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है.’
उन्होंने कहा कि अब तक अधिकतम 15 फीसदी छात्र ऐसे हैं जिनका पता नहीं चल पाया है अथवा उन्होंने स्कूल से कोई संपर्क नहीं किया है और इसलिए वह कक्षाओं में शामिल नहीं हो पा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं व्यक्तिगत रूप से इसकी समीक्षा कर रहा हूं और हमें कुछ छात्रों का पता चला है. अन्य मामलों में छात्र या तो उस पते पर नहीं रह रहे हैं अथवा हमारे पास रिकार्ड में उनका जो फोन नंबर है, उसका कोई अता-पता नहीं है.
सिसोदिया ने कहा कि मैंने स्कूल प्रबंधन समिति से कहा है कि उन विद्यार्थियों का पता लगाया जाना चाहिए. कुछ ऐसे छात्र हैं जो बिहार एवं उत्तराखंड स्थित अपने घर चले गये हैं लेकिन हमारे संपर्क में हैं और कक्षाओं में शामिल हो रहे हैं.
यह पूछे जाने पर कि कितने ऐसे विद्यार्थी हैं जिनका पता नहीं चल रहा है, सिसोदिया ने कहा, ‘औसतन हर कक्षा में चार पांच विद्यार्थी हैं जो इस श्रेणी में हैं. उनमें से कई छठी कक्षा के हैं और बाकी कक्षाओं में यह संख्या बहुत कम है.’