Shahdara Assembly Election Result 2025: शाहदरा विधानसभा सीट दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से एक है और पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है. यह क्षेत्र दिल्ली के प्रशासनिक और राजस्व जिलों में से एक है, जिसका मुख्यालय नंद नगरी में स्थित है. शाहदरा पुरानी दिल्ली के सबसे पुराने बस्तियों में से एक है और यह उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से सटा हुआ है. जीटी रोड टोल के पास स्थित क्षेत्र को शाहदरा बॉर्डर कहा जाता है. 2012 में शाहदरा जिले की स्थापना हुई थी, जिसके बाद से यह क्षेत्र तेजी से विकसित हुआ है. इस बार यहां से बीजेपी की सीट पर संजय गोयल ने जीत दर्ज की है.
शाहदरा से लड़ रहे उम्मीदवारों की सूची
उम्मीदवार | पार्टी | वोट |
जगत सिंह | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 3862 |
जितेन्द्र सिंह शंटी | आम आदमी पार्टी | 57610 |
धर्मिन्द्र कुमार कैम | बहुजन समाज पार्टी | 596 |
संजय गोयल | भारतीय जनता पार्टी | 62788 |
कमल किशोर | राष्ट्रीय युवा पार्टी | 145 |
नितिन गर्ग | आम आदमी परिवर्तन पार्टी | 182 |
राजेंद्र कुमार पाल | राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी | 58 |
अशोक सुराणा | स्वतंत्र | 87 |
दिलीप बनर्जी | स्वतंत्र | 52 |
विनय चौधरी | स्वतंत्र | 579 |
2020 के चुनाव में मुकाबला कैसा रहा?
साल 2020 के विधानसभा चुनाव में शाहदरा सीट से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी और दिल्ली विधानसभा के पूर्व स्पीकर राम निवास गोयल ने भारतीय जनता पार्टी के संजय गोयल को 5,294 मतों के अंतर से हराया था. कांग्रेस के प्रत्याशी नरेंद्र नाथ तीसरे स्थान पर रहे थे. कुल मिलाकर इस सीट पर 8 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था.
2020 के चुनाव में आम आदमी पार्टी के राम निवास गोयल को 62,103 वोट मिले थे, जबकि भाजपा प्रत्याशी संजय गोयल को 56,809 वोट प्राप्त हुए थे. कुल 189,407 वोटर्स में से 66% यानी 125,383 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था.
शाहदरा विधानसभा का राजनीतिक इतिहास
शाहदरा विधानसभा सीट पर अब तक 7 चुनाव हो चुके हैं, जिसमें 4 अलग-अलग राजनीतिक दलों ने जीत दर्ज की है. यह सीट पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल के कारण भी जानी जाती है. 1993 में राम निवास गोयल ने भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने. हालांकि, 1998 में कांग्रेस ने यह सीट भाजपा से छीन ली और नरेंद्र नाथ यहां से विधायक चुने गए.
नरेंद्र नाथ: हैट्रिक जीत और हैट्रिक हार
नरेंद्र नाथ ने अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखते हुए 2003 और 2008 में भी जीत दर्ज की, जिससे उन्होंने जीत की हैट्रिक पूरी की. लेकिन 2013 में उन्हें आम आदमी पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता और त्रिकोणीय मुकाबले के कारण हार का सामना करना पड़ा. उस चुनाव में भाजपा की सहयोगी पार्टी अकाली दल के प्रत्याशी जीतेंद्र सिंह शंटी ने जीत हासिल की.
इसके बाद, 2015 के चुनाव में शाहदरा सीट पर फिर बदलाव देखने को मिला. राम निवास गोयल भाजपा छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए और AAP के टिकट पर जीत दर्ज की. इस बार उन्होंने अकाली दल के बजाय भाजपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे जीतेंद्र सिंह शंटी को हराया. कांग्रेस के नरेंद्र नाथ इस बार भी तीसरे स्थान पर रहे. 2020 के चुनाव में भी राम निवास गोयल ने अपनी जीत को बरकरार रखा.