लॉकडाउन से कुछ और छूट, स्कूली किताब और मोबाइल रिचार्ज की दुकानें खुलेंगी
नयी दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि वरिष्ठ नागरिकों की मदद करनेवाले लोग अब लॉकडाउन के दौरान भी अपनी सेवाएं दे सकेंगे. इसके साथ स्कूली किताबों, बिजली के पंखों की दुकानों व प्रीपेड मोबाइल कनेक्शन के लिए रीचार्ज सुविधाओं को भी संचालन की अनुमति मिलेगी. मतलब यह कि इससे संबंधित दुकानें […]
नयी दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि वरिष्ठ नागरिकों की मदद करनेवाले लोग अब लॉकडाउन के दौरान भी अपनी सेवाएं दे सकेंगे. इसके साथ स्कूली किताबों, बिजली के पंखों की दुकानों व प्रीपेड मोबाइल कनेक्शन के लिए रीचार्ज सुविधाओं को भी संचालन की अनुमति मिलेगी. मतलब यह कि इससे संबंधित दुकानें अब खुल सकती हैं. वहीं, दूध प्रसंस्करण इकाई, शहरी क्षेत्रों में स्थित ब्रेड फैक्टरियों और आटा-दाल मिलों को भी लॉकडाउन के दौरान संचालन की अनुमति मिलेगी.
गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अब तक जारी दिशा-निर्देशों के माध्यम से विशेष सेवाओं और गतिविधियों को छूट देने से संबंधित कुछ प्रश्न मिलने के बाद यह फैसला किया गया है. हालांकि, मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया है कि कार्यालयों, वर्कशॉप, फैक्टरी आदि में सोशल डिस्टेंसिंग का गंभीरता से पालन करना होगा. सरकार करायेगी सर्वे सरकार ने फैसला किया है कि कोरोना के लक्षणों के बारे में नागरिकों से फीडबैक लेने के लिए टेली फोनिक सर्वे कराया जायेगा. एनआइसी की तरफ से यह सर्वे होगा.
लोगों के मोबाइल नंबर पर 1921 नंबर से फोन आयेगा, जिसमें उन्हें सवालों के जवाब देने होंगे. रैपिड टेस्ट किट के इस्तेमाल पर रोककोरोना पर निगरानी के लिए राज्यों को दी गयी रैपिड टेस्टिंग किट के परीक्षण परिणाम में अंतर मिलने की शिकायतों के मद्देनजर आइसीएमआर ने अगले दो दिन तक इसका इस्तेमाल नहीं करने को कहा है. इधर, सरकार ने देशभर में मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों और वॉलेंटियर का डाटाबेस तैयार किया है.
संक्रमण के मामले 19,000 के करीब : देश में अनेक राज्यों से संक्रमण के नये मामले सामने आने के साथ कुल मामलों की संख्या 19,000 के करीब पहुंच गयी है. मृतक संख्या 600 के पार चली गयी है. अब तक 3300 से ज्यादा मरीजों को अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है.विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेताया विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सचेत किया कि कोरोना को फैलने से रोकने के लिए लगाये गये प्रतिबंधों में ढील देने में जल्दबाजी करने से यह संक्रमण फिर से जोर पकड़ सकता है. डब्ल्यूएचओ के पश्चिमी प्रशांत के क्षेत्रीय निदेशक डॉ ताकेशी कासेई ने कहा कि यह ढिलाई बरतने का समय नहीं है, बल्कि हमें निकट भविष्य के लिए जीवन जीने के नये तरीके को लेकर स्वयं को तैयार रखने की जरूरत है.