नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला सुनाया है. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि सहकारी बैंक भी सरफेसी नियम के तहत आते हैं और इस तरह वे अपने कर्जों की वसूली के लिए गिरवी रखी गयी संपत्ति की नीलामी कर सकता है. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई में पांच सदस्यीय संवैधानिक बेंच ने अपने अहम फैसले में कहा कि सरफेसी एक्ट की धारा-2 (1)(सी) में बैंक को परिभाषित किया गया है और सहकारी बैंक भी उस दायरे में आता है.
ऐसे में वह इस कानून की धारा-13 के तहत अपने कर्ज वसूली कर सकता है. इस एक्ट के तहत बैंक को अधिकार है कि वह डिफॉल्टर को नोटिस भेजता है और इसके बाद डिफॉल्टर अपनी संपत्ति को न तो बेच सकता है और किसी और को लीज कर सकता है, बल्कि बैंक का अधिकार बन जाता है.