नयी दिल्ली : केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को दिवाला व ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आइबीसी) में संशोधन के लिए अध्यादेश लाने को अपनी मंजूरी दे दी. इस संशोधन के जरिये कोरोना के चलते किसी कंपनी द्वारा बैंक कर्ज के भुगतान में असफल रहने पर उसके खिलाफ दिवाला कानून के तहत कोई नयी कार्रवाई शुरू नहीं की जायेगी.सूत्रों के मुताबिक संहिता की तीन धाराओं, जिनमें कि दबाव में फंसी संपत्ति की बाजार से जुड़े और समयबद्ध समाधान की प्रक्रिया को निलंबित रखा जायेगा.
धाराओं का यह निलंबन छह महीने से लेकर एक साल तक के लिए होगा. सूत्रों के अनुसार इस संबंध में कैबिनेट ने एक सक्षम प्रावधान को मंजूरी दी है, जबकि कितनी अवधि के लिए इन धाराओं को निलंबित रखा जायेगा, उसकी समयसीमा के बारे में कारपोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा तय किया जायेगा.
उनके मुताबिक ऐसे मामले, जिनमें भुगतान में चूक के पीछे महामारी वजह नहीं है और दिवाला प्रक्रिया के लिए 25 मार्च से पहले आवेदन किया गया है, उसका निस्तारण आइबीसी संहिता के तहत होगा.