5 वीं पास ये नेता बना विधायक, जानें कौन है दिल्ली का सबसे पढ़ा लिखा MLA

Delhi MLA: दिल्ली में पढ़ें लिखें विधायकों की संख्या बढ़ी है. इस बार कोई भी अनपढ़ व्यक्ति विधायक नहीं बना है.

By Ayush Raj Dwivedi | February 10, 2025 1:17 PM

Delhi MLA: दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणामों ने भारतीय जनता पार्टी को ऐतिहासिक जीत दिलाई, जहां उसने आम आदमी पार्टी (आप) के 12 साल के शासन को समाप्त कर दिया. भाजपा ने दिल्ली में जबरदस्त प्रदर्शन किया और बहुमत हासिल किया. इस दौरान कई उम्मीदवार ऐसे भी जीतें हैं जो कम पढ़ें लिखें हैं. इस सूची में राम सिंह नेताजी का नाम सबसे ऊपर है. यह दिल्ली के सबसे कम पढ़ें लिखे विधायक चुने गए हैं.

दिल्ली विधानसभा में शिक्षित नेताओं की संख्या में हुई वृद्धि

दिल्ली विधानसभा के इस सत्र में विधायकों की शैक्षिक योग्यता पहले से कहीं बेहतर दिख रही है। कुल 70 विधायकों में से 17 विधायक पोस्ट ग्रेजुएट हैं, और एक विधायक के पास डॉक्टरेट की डिग्री है. इसके अलावा, दिलचस्प बात यह है कि इस बार कोई भी विधायक अनपढ़ नहीं है और न्यूनतम शिक्षा स्तर पांचवीं कक्षा पास है.

कौन हैं सबसे शिक्षित और कम पढ़े-लिखे विधायक?

  • बीजेपी के डॉ. अजय दत्त इस बार सबसे अधिक शिक्षित विधायक हैं, जिनके पास उच्चतम शैक्षिक योग्यता है
  • राम सिंह नेताजी, जिनके पास केवल पांचवीं कक्षा तक की शिक्षा है, दिल्ली विधानसभा के सबसे कम पढ़े-लिखे विधायक हैं
  • करतार सिंह तंवर सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा धारक हैं, जबकि सुरेंद्र कुमार इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किए हुए हैं

चुनाव परिणाम की कुछ खास बातें

  1. बीजेपी ने हरियाणा की सीमा से लगे इलाकों में प्रभावशाली प्रदर्शन किया. इन इलाकों के 11 में से नौ सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की. ये नतीजे ऐसे समय में आए हैं जब ‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर यमुना नदी में जहर मिलाने का आरोप लगाया था. यहां बीजेपी की सरकार है.
  2. बीजेपी ने लक्ष्मी नगर, संगम विहार और करावल नगर जैसे उन इलाकों में भी शानदार प्रदर्शन किया, जहां 15 प्रतिशत से अधिक पूर्वांचली वोटर हैं. पार्टी ने ऐसी 35 में से 25 सीट पर जीत हासिल की.
  3. नजफगढ़, नरेला और बिजवासन सहित ऐसे 13 विधानसभा क्षेत्रों में से 12 में बीजेपी ने जीत दर्ज की, जहां 5 प्रतिशत हरियाणवी वोटर हैं.
  4. बीजेपी ने झुग्गीवासियों के प्रभुत्व वाली 7 में से चार सीट जीतीं. इसके अलावा, बीजेपी 12 आरक्षित सीटों में से मंगोलपुरी समेत चार सीट जीतने में सफल रही.
  5. बीजेपी ने 10 प्रतिशत से अधिक जाट मतदाताओं वाले इलाकों में भी बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है. इस तरह की 13 में से 11 सीट पर जीत हासिल की है. बीजेपी ने 10 प्रतिशत से अधिक वाल्मीकि मतदाताओं वाली 9 में से 4 सीट जीतीं. बीजेपी की 10 प्रतिशत से अधिक जाटव वोटरों वाली 12 में से छह सीट पर जीत हासिल की.
  6. बीजेपी ने छह पूर्वांचली उम्मीदवार मैदान में उतारे थे, जिनमें से चार जीत गए. वहीं, दिल्ली चुनाव में उसके 14 में से 12 हरियाणवी उम्मीदवार विजयी हुए. हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमा से लगी कुल 22 सीट में से पार्टी ने 16 सीट जीतीं.

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