Delhi: दिल्ली में खालिस्तान संबंधी नारे दीवारों पर लिखने के मामले में दो लोग गिरफ्तार, जानें पूरा मामला
दिल्ली पुलिस ने पहले कहा था कि 19 जनवरी को तड़के विकासपुरी, जनकपुरी, पश्चिम विहार, पीरागढ़ी और पश्चिमी दिल्ली के अन्य हिस्सों में दीवारों पर कई जगह आपत्तिजनक नारे लिखे दिखाई दिए. नलवा ने कहा था कि तदनुसार, विशेष प्रकोष्ठ द्वारा भारतीय दंड संहिता की धाराओं- 154बी और 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया.
Delhi: दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने गणतंत्र दिवस से पहले 19 जनवरी को पश्चिमी दिल्ली के इलाकों में दीवारों पर खालिस्तान संबंधी नारे लिखने के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. अधिकारियों ने रविवार को बताया कि दीवारों पर ‘‘खालिस्तान जिंदाबाद’’ और ‘‘जनमत संग्रह 2020’’ जैसे नारे लिखे हुए थे. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि खालिस्तान संबंधी नारे लिखने के एक मामले में विशेष प्रकोष्ठ ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है.
19 जनवरी को तड़के दीवारों पर कई जगह आपत्तिजनक नारे लिखे दिखाई दिए
दिल्ली पुलिस की जनसंपर्क अधिकारी सुमन नलवा ने पहले कहा था कि 19 जनवरी को तड़के विकासपुरी, जनकपुरी, पश्चिम विहार, पीरागढ़ी और पश्चिमी दिल्ली के अन्य हिस्सों में दीवारों पर कई जगह आपत्तिजनक नारे लिखे दिखाई दिए. नलवा ने कहा था कि तदनुसार, विशेष प्रकोष्ठ द्वारा भारतीय दंड संहिता की धाराओं- 154बी और 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया.
‘सिख फॉर जस्टिस एक प्रतिबंधित संगठन है’
उन्होंने कहा था कि ‘सिख फॉर जस्टिस’ (एसएफपी) एक प्रतिबंधित संगठन है जो खुद को लोगों की नजर में लाना और खबरों में रहना चाहता है. अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन आदि में विदेशी नागरिकता वाले कुछ कट्टरपंथी सिखों द्वारा चलाए जा रहे संगठन एसएफजे को केंद्र सरकार द्वारा गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 3(1) के प्रावधानों के तहत गैरकानूनी घोषित किया गया था.
केंद्र ने 10 जुलाई, 2019 की अपनी अधिसूचना द्वारा SFJ को गैरकानूनी संगठन घोषित किया
केंद्र ने 10 जुलाई, 2019 की अपनी अधिसूचना द्वारा एसएफजे को गैरकानूनी संगठन घोषित कर दिया था और पांच साल के लिए यह कहते हुए उस पर प्रतिबंध लगा दिया था कि समूह का प्राथमिक उद्देश्य पंजाब में एक “स्वतंत्र और संप्रभु देश” स्थापित करने का है तथा यह खुले तौर पर खालिस्तान की मांग का समर्थन करता है और इस प्रक्रिया में भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देता है.