नयी दिल्ली : केंद्र सरकार की ओर से अनलॉक-3 से संबंधित गाइडलाइन जारी होने के एक दिन बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी दिल्ली के लिए गाइडलाइंस जारी कर दिये हैं. दिल्ली की अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए केजरीवाल सरकार ने अनलॉक-3 के तहत छूटों का दायरा बढ़ा दिया है. उन्होंने होटलों और स्ट्रीट हॉकर्स को काम करने की इजाजत दे दी है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से अनलॉक-3 (Unlock-3 Guidelines) को लेकर बुधवार को डिटेल्स गाइडलाइंस जारी की गयी है. इसमें योगा सेंटर और जिम को खोलने की इजाजत दी गयी है. वहीं स्कूल-कॉलेजों को 31 अगस्त तक बंद रखने का निर्देश दिया गया है. रात्रि कर्फ्यू को भी हटा लिया गया है. केजरीवाल सरकार ने भी दिल्ली में रात्रि कर्फ्यू को समाप्त कर दिया है.
केजरीवाल ने होटल और हॉस्पिटैलिटी सर्विसेज को काम शुरू करने की इजाजत दे दी है. इसके साथ ही केजरीवाल ने स्ट्रीट हॉकर्स यानी पटरी वालों को भी काम करने की इजाजत दे दी है. दिल्ली सरकार ने साप्ताहिक बाजारों को एक सप्ताह के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के पालन की शर्त के साथ ट्रायल के आधार पर खोलने की इजाजत दी है. वहीं कंटेनमेंट जोन में कोई ढील नहीं दी गयी है.
बुधवार को सरकार ने देशभर में अनलॉक 3 के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिये, जिनमें कंटेनमेंट जोन के बाहर और अधिक गतिविधियों की अनुमति दी गयी है, लेकिन स्कूल, कॉलेज, मेट्रो रेल सेवाएं, सिनेमाघर और बार 31 अगस्त तक बंद रहेंगे. राजनीतिक और धार्मिक समागमों पर भी रोक जारी रहेगी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से गहन विचार-विमर्श के बाद निर्णय लिया गया है कि स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान 31 अगस्त तक बंद रहेंगे.
कंटेनमेंट जोन में 31 अगस्त तक लॉकडाउन कड़ाई से लागू रहेगा. सामाजिक दूरी के नियम का पालन करते हुए स्वतंत्रता दिवस समारोह आयोजित करने की अनुमति रहेगी, जिसमें मास्क पहनने समेत अन्य स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन करना भी अनिवार्य होगा. गृह मंत्रालय ने कहा कि वंदे भारत मिशन के तहत सीमित तरीके से अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा की अनुमति होगी. अन्य अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों की आवाजाही चरणबद्ध तरीके से शुरू की जायेगी.
दिशा-निर्देशों के अनुसार, अंतरराज्यीय और राज्यों के अंदर लोगों तथा सामान के परिवहन पर कोई पाबंदी नहीं रहेगी. इस तरह की गतिविधियों के लिए अलग से कोई अनुमति, मंजूरी या ई-परमिट की आवश्यकता नहीं होगी. निषिद्ध क्षेत्रों के बाहर गतिविधियों पर फैसला राज्य करेंगे. स्थिति के अपने आकलन के आधार पर राज्य और केंद्रशासित प्रदेश निषिद्ध क्षेत्रों के बाहर कुछ गतिविधियों को प्रतिबंधित कर सकते हैं या इस तरह की पाबंदियां लागू कर सकते हैं.
Posted By: Amlesh Nandan Sinha.