दिल्ली के जाट किसका बिगाड़ेंगे खेल ? केजरीवाल ने क्यों की आरक्षण की मांग

Delhi Election 2025: दिल्ली चुनाव में जाट वोटर्स को लेकर सियासी घमासान छिड़ा हुआ है. आइए आज जाट वोटर्स का दिल्ली की सियासत में राजनीतिक प्रभाव के बारे में

By Ayush Raj Dwivedi | January 9, 2025 4:52 PM
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Delhi Election 2025: दिल्ली की राजनीति में जाट समुदाय का अच्छा खासा प्रभाव है. सभी राजनीतिक दलों का प्रयास है की इस समुदाय के वोट को साधा जा सके. एक समय इस समुदाय का वोट बीजेपी को सबसे अधिक मिलता था. लेकिन धीरे धीरे इसमे बंटवारा होता गया और आम आदमी पार्टी ने बिखराव हो गया. आज इसी सिलसिले में अरविंद केजरीवाल ने आज जाटों के लिए दिल्ली में आरक्षण की मांग कर दी है.

दिल्ली में 10% के लगभग हैं जाट वोटर्स(Delhi Election 2025)

दिल्ली में जाट वोटर्स की संख्या लगभग 10% के करीब है. ये दिल्ली के सात से आठ सीटों पर अच्छा प्रभाव रखते हैं. पिछले चुनाव को देखें तो 8 में से 5 सीटों पर आम आदमी पार्टी का कब्जा है. जाट समुदाय के बारे में कहा जाता है कि यह एक जगह एकजुट होकर वोट करता है. दिल्ली के गावों में जाट वोटर्स का दबदबा है. बीजेपी इस बार अपने बड़े जाट नेता साहेब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा के सहारे साधन चाहती है.

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अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी

अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दिल्ली में केंद्र सरकार की संस्थाओं में राजस्थान के जाटों को ओबीसी आरक्षण का लाभ मिल रहा है, लेकिन दिल्ली के जाटों को यह लाभ नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर उनकी सरकार बनती है, तो वह जाटों के आरक्षण के लिए पूरी ताकत से संघर्ष करेंगे. केजरीवाल ने जाट समुदाय के अलावा रावत, रोनियार, राय तंवर, चारण और ओड जातियों का भी जिक्र किया, जिनको दिल्ली सरकार ने ओबीसी दर्जा दिया हुआ है, लेकिन केंद्र सरकार इन जातियों को दिल्ली में अपनी संस्थाओं में ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं दे रही है.

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