देवघर त्रिकुट रोपवे हादसे की रिपोर्ट जेटीडीसी को सौंपी, कहा- मामला रेयरेस्ट ऑफ द रेयर
देवघर त्रिकुट रोपवे हादसे के बाद से रोपवे पर्यटन पूरी तरह से बंद है. इसकी वजह से इसके आसपास के कम से कम 10 हजार लोग बेरोजगार हो गए हैं.
देवघर त्रिकुट रोपवे हादसे के बाद से रोपवे पर्यटन पूरी तरह से बंद है. इसकी वजह से इसके आसपास के कम से कम 10 हजार लोग बेरोजगार हो गए हैं. रोपवे का संचालन करने वाली कंपनी दामोदर रोपवे ने झारखंड टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (जेटीडीसी) को रोपवे हादसे पर अपनी सौंप दी है. इसमें हादसे को रेयरेस्ट ऑफ द रेयर करार दिया गया है. साथ ही कहा है कि वह अपने खर्च पर इसे फिर से शुरू करने के लिए तैयार है.
9 फरवरी 2024 को कंपनी ने जेटीडीसी को सौंपी रिपोर्ट
कंपनी की ओर से 9 फरवरी 2024 को तकनीकी रिपोर्ट सौंपी गई. इस रिपोर्ट में रोपवे का संचालन करने वाली कंपनी दामोदर रोपवे के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट महेश महाता ने कहा है कि यह घटना रेयरेस्ट ऑफ रेयर है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी तरह की नॉर्मल टेस्टिंग में भी निर्माण के दौरान हाइड्रोजन इन्क्लूजन पकड़ में नहीं आ सकी, जिसकी वजह से यह दुखद हादसा हुआ.
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अपने खर्च पर दोबारा त्रिकुट रोपवे संचालन के लिए कंपनी है तैयार
कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में टेंशनिंग, ग्रीस आदि से संबंधित सभी बिंदुओं पर जेटीडीसी को जवाब उपलब्ध करा दिया है. रोपवे कंपनी ने जेटीडीसी को बताया है कि दामोदर रोपवे अपने खर्चे पर देवघर के त्रिकुट रोपवे का संचालन दोबारा शुरू करने को तैयार है. इस मामले में जेटीडीसी ने झारखंड हाइकोर्ट में भी जवाब दाखिल कर दिया है.
त्रिकुट रोपवे हादसे के बाद 10 हजार लोग रोजगार से वंचित
त्रिकुट रोपवे दुर्घटना 10 अप्रैल 2022 को हुई थी. इस हादसे के दौरान एक पर्यटक की मौत हो गई थी, जबकि दो लोगों की मौत रेस्क्यू के दौरान हो गई थी. हादसे के 22 महीने बीत गये हैं, लेकिन रोपवे को दोबारा चालू नहीं किया जा सका. रोपवे चालू नहीं होने की वजह से करीब 10 हजार लोग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से बेरोजगार हो गए हैं. रोपवे बंद रहने से त्रिकुट आने वाले पर्यटकों की संख्या भी 75 फीसदी तक घट गयी है.
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त्रिकुट रोपवे बंद होने की वजह से इन लोगों का छिन गया रोजगार
त्रिकुट रोपवे के बंद हो जाने की वजह से इसके आसपास के दुकानदार, फोटोग्राफर, टूरिस्ट गाइड, सुरक्षा गार्ड, वाहन चालक आदि बेरोजगार हो गये हैं. हालांकि, त्रिकुट रोपवे को दोबारा चालू करने की मांग देवघर के विधायक नारायण दास ने विधानसभा में भी कई बार की है. लेकिन, इस पर अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई है.