हम है तैनात ,आप करे सुरक्षित मतदान
जिले में loksabha election को तीन दिन शेष है. चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने को लेकर अलग अलग राज्यों से फोर्स पहुंच चुके है. अर्द्ध सैनिक बल की कई कंपनियां भी जमशेदपुर पुलिस लाइन आ चुके हैं. कुछ मतदान केंद्र पर फोर्स को तैनात कर दिया गया है.
East singhbhum election जमशेदपुर :
जिले में loksabha election को तीन दिन शेष है. चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने को लेकर अलग अलग राज्यों से फोर्स पहुंच चुके है. अर्द्ध सैनिक बल की कई कंपनियां भी जमशेदपुर पुलिस लाइन आ चुके हैं. कुछ मतदान केंद्र पर फोर्स को तैनात कर दिया गया है. कई मतदान केंद्रों पर Force की तैनाती की जा रही है. ताकि सभी मतदान केंद्रों पर शांति पूर्ण और सुरक्षित मतदान हो सके. लोक सभा चुनाव के दौरान तैनात जवानों की ड्यूटी यह दर्शाती है कि आपकी सुरक्षा के लिए हम तैनात है. आप सुरक्षित मतदान करे. 25 मई 2024 को East singhbhum जिले में मतदान होने जा रहा है. इसको लेकर एक ओर जिला प्रशासन की ओर से पूरी तैयारी कर ली गयी है, तो दूसरी ओर जिले की सुरक्षा व्यवस्था भी टाइट कर दी गयी है. मतदान शांतिपूर्ण हो, इसके लिए जिला पुलिस के साथ बीएसएफ, सीआरपीएफ, आइआरबी,चंड़ीगढ़ पुलिस,उड़िसा पुलिस, राजस्थान आर्म्ड बटालियन समेत कई जिला से पुलिस force को बुलाया लिया गया है. नक्सल क्षेत्र में सुरक्षा का विशेष ध्यान रखते हुए उस क्षेत्र में तैनात होने वाली पुलिस बलों को मोर्चा बनाने के लिए बोरा , बांस भी उपलब्ध कराया जा रहा है. ताकि बोरा में बालू भर कर मोर्चा बनाया जा सके. करीब दो माह से ये जवान अपने घर परिवार से दूर रह कर अलग अलग राज्यों में मतदान कराने का काम कर रहे है.
अलग अलग force से आये जवानों ने बताया कि चुनाव लोकतंत्र का पर्व है और यह पर्व हर पांच वर्ष पर आता है. ऐसे में सुरक्षा बल के नाते उनकी यह जिम्मेदारी होती है कि मतदान को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराये. ताकि बेहतर देश का निर्माण हो सके. चुनाव का समय आने के साथ ही उनकी कंपनियों को बता दिया जाता है कि इस माह से संभवत चुनाव प्रक्रिया का शुभारंभ हो जायेगा. ऐसे में वे लोग भी रेडी मोड में आ जाते है. ड्यूटी शुरू होने के पूर्व उनके कप्तान या सीओ के द्वारा जो दिशा निर्देश दिया जाता है. उसके के अनुसार वे लोग कार्य करते है. चुनाव को भी वे लोग एक ड्यूटी समझते है और दिशा निर्देश के अनुसार कार्य करते है.
सुरक्षा व्यवस्था के साथ कई चुनौतियां :
जवानों ने बताया कि मतदान केंद्र पर सबसे बड़ी जिम्मेदारी वहां तैनात फोर्स की होती है. ऐसे में कई बार सुरक्षा के अलावे और भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. कई बार ऐसा देखा जाता है कि मतदान केंद्र पर कोई दिव्यांग या बुर्जूग आ नहीं पा रहे है. लेकिन उनके हाथ में मतदाता पर्ची है. ऐसे में जवान अपने साथियों की मदद से दिव्यांग व्यक्ति को बूथ तक लेकर आते है. जरूरत पड़ने पर गोद में भी उठाते है. बुजुर्गों के लिए विशेष इंट्री भी कभी कभी कराया जाता है. ग्रामीण और उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में मतदान कराना काफी चुनौतिपूर्ण होता है. क्यों की उन जगहों में कभी भी कोई घटना हो सकती है. ऐसे में मतदान केंद्र के अलावे आस पास के इलाकों की भी पूरी जानकारी रखनी होती है. भीड़ में हर व्यक्ति पर नजर रखना उनके लिए बड़ी चुनौती होती है. क्यों कि उन्हें से पता नहीं होता है कि कौन व्यक्ति किस विचार धारा का है. दूसरे राज्यों से आये फोर्स को कभी कभी भाषा को लेकर भी परेशानी होती है.
खाने- पीने और रहने की मिलती है सुविधा :
जवानों ने बताया कि वे लोग दो माह से अपने अपने कैंप या घर से चुनाव संपन्न कराने के लिए निकले हुए है. कई जगहों पर मतदान की प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है. ऐसे में कैंप से निकलने के बाद उन लोगों को रहने के लिए बैरक और खाने- पीने की व्यवस्था दी जाती है. अगर ग्रामीण क्षेत्र में उनकी तैनाती होती है तो बैरक की थोड़ी दिक्कत होती है. लेकिन शहरी क्षेत्र में रहने और खाने- पीने की कोई दिक्कत नहीं होती. जवानों ने बताया कि मतदान ड्यूटी में निकलने से पूर्व घर से भी वे लोग खाने का सूखा सामान लेकर आते है. लेकिन मिल बाट का खाने में वह 15 दिन में ही समाप्त हो जाता है. बाकि उनके बैरक पर निर्भर होता है कि वहां क्या क्या सुविधा है. बैरक अच्छा होने से सुविधा की कोई कमी नहीं होती है.
इसके अलावे जिस जिले में मतदान होता है वहां के जिला प्रशासन की ओर से कई प्रकार के खाने का सामान दिया जाता है. पूर्वी सिंहभूम जिला में मतदान कराने आये सुरक्षा बल के जवानों को सत्तू,ग्लूकोज, पानी बोतल, नींबू, नमक,प्याज,बिष्कूट, केक जैसी सामग्री दिया जाता है. हर बूथ में पानी की टंकी लगायी जा रही है.