बिहार की 12 संसदीय सीटों से ही अबतक अतिपिछड़ा प्रत्याशी जीते, जानिए सबसे अधिक किस जाति के बने सांसद..

बिहार की 12 लोकसभा सीटों पर अबतक 19 अतिपिछड़ा सांसद जीते हैं. जानिए कब से इस वर्ग का बढ़ा प्रतिनिधित्व..

By ThakurShaktilochan Sandilya | March 30, 2024 9:48 AM
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मनोज कुमार, पटना: देश में 1952 से लेकर अब तक हुए लोकसभा चुनाव में बिहार से 12 लोकसभा क्षेत्र से ही अतिपिछड़ा वर्ग के उम्मीदवार चुनाव जीते हैं. इन 12 लोकसभा क्षेत्रों से 19 सांसद चुनाव जीते हैं. वर्ष 2014 तक दस लोकसभा क्षेत्रों से ही अतिपिछड़ी जाति के उम्मीदवार चुनाव जीते थे.

इन सीटों से जीते उम्मीदवार..

वर्ष 2019 में जहानाबाद और सीतामढ़ी से अतिपिछड़ा वर्ग के उम्मीदवार चुनाव जीतने में सफल रहे. किशनगंज, समस्तीपुर, झंझारपुर, आरा, मुजफ्फरपुर, मुंगेर, पूर्णिया, भागलपुर, सुपौल, अररिया, जहानाबाद तथा सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र से ही अतिपिछड़ा वर्ग के उम्मीदवार ने प्रतिनिधित्व किया है. इसमें सबसे अधिक मुजफ्फरपुर और झंझारपुर लोकसभा सीट से अतिपिछड़ा वर्ग ने प्रतिनिधित्व किया है. इसमें भी मंडल और निषाद जाति की धमक रही है.

लखनलाल कपूर राज्य के पहले अतिपिछड़ा सांसद

1967 में लखनलाल कपूर किशनगंज सीट से जीतकर पहली बार अतिपिछड़ा वर्ग से सांसद बने. लखनलाल ने कांग्रेस के मो़ ताहिर को हराया था. लखनलाल ने 1977 में पूर्णिया सीट से भी विजय हासिल की थी. किशनगंज से जीते एकमात्र हिंदू सांसद भी लखनलाल कपूर ही हैं.

समस्तीपुर से जीते कर्पूरी ठाकुर

1977 में हुए चुनाव में समस्तीपुर से कर्पूरी ठाकुर ने जीत हासिल की थी. उन्होंने यमुना प्रसाद मंडल को शिकस्त दी थी. झंझारपुर से धनिक लाल मंडल को भी सफलता मिली थी. धनिक लाल मंडल ने कांग्रेस के दिग्गज नेता डॉ जगन्नाथ मिश्र को हराया था. 1989 में आरा से आइपीएफ के रामेश्वर प्रसाद ने जीत दर्ज की थी.

चार बार जीते कैप्टेन जयनारायण निषाद व दो बार ब्रह्मनंद मंडल

कैप्टन जयनारायण निषाद ने 1996, 1998 तथा 1999 व 2009 में मुजफ्फरपुर से जीत हासिल की थी. 1996 व 1999 में मुंगेर से ब्रह्मनंद मंडल जीतने में सफल रहे. 1998 में ही पूर्णिया से जयकृष्ण मंडल चुनाव जीतने में सफल रहे थे. वहीं, 1999 में भागलपुर से सुबोध राय विजेता रहे.

2009 में चार अतिपिछड़ा सांसद बने

वर्ष 2009 के चुनाव में अतिपिछड़ा वर्ग के चार सांसद बने. झंझारपुर से मंगलीलाल मंडल, सुपौल से विश्वमोहन कुमार, मुजफ्फरपुर से कैप्टेन जयनारायण निषाद व अररिया से प्रदीप कुमार सिंह को जीत मिली.

2014 में तीन व 2019 में सात अतिपिछड़ा बने सांसद

वर्ष 2014 में झंझारपुर से वीरेंद्र कुमार चौधरी, मुजफ्फरपुर से अजय निषाद व भागलपुर से बुलो मंडल ने सफलता हासिल की थी. वहीं, वर्ष 2019 जहानाबाद से चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी, सुपौल से दिलेश्वर कामैत, झंझारपुर से रामप्रीत मंडल, सीतामढ़ी से सुनील कुमार पिंटू, भागलपुर से अजय मंडल, अररिया से प्रदीप सिंह, मुजफ्फरपुर से अजय निषाद चुनाव जीतने में कामयाब रहे थे.

अतिपिछड़ा में 113 जातियां, आबादी के अनुसार टिकट नहीं

अतिपिछड़ा में कुल 113 जातियां हैं. जातीय गणना की रिपोर्ट के अनुसार, अतिपिछड़ा की आबादी 36 फीसदी है. जानकारों का कहना है कि आबादी के अनुसार, इस वर्ग के लोगों को राजनीतिक दलों की ओर से टिकट नहीं मिले. इस कारण सबसे अधिक संख्या होने के बावजूद इनका प्रतिनिधित्व काफी कम है.

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