BPSC की शिक्षक भर्ती परीक्षा के तीसरे चरण में हुए पेपर लीक मामले की जांच जारी है. जांच के दौरान कई परतें इस पेपर लीक कांड की खुल रही है. हजारीबाग से गिरफ्तार दो अभियुक्तों शिवम और अनिकेत को रिमांड पर लेकर इओयू ने पूछताछ की है. रिमांड पर लिये गये अभियुक्तों से हुई पूछताछ और बरामद दस्तावेजों की जांच में खुलासा हुआ है कि जिस प्रिंटिंग प्रेस को प्रश्न पत्र की छपाई का ठेका मिला था, वहां से पहले भी कुछ प्रतियोगिता परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक हुए थे. इधर, पेपर लीक मामले में गिरफ्तार 86 महिला अभ्यर्थियों को जमानत भी मिल गयी है.
बदनाम प्रिंटिंग प्रेस को कैसे दिया छपाई का काम, होगी जांच..
ईओयू से पूछताछ में इन अभियुक्तों ने कुछ बड़े खुलासे किए हैं. यह भी पता चला है कि कोलकाता के इस प्रिंटिंग प्रेस का मालिक प्रश्न पत्र लीक के आरोप में पहले भी जेल जा चुका है.आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) इस बात की जांच कर रही है कि बीपीएससी ने पहले से बदनाम प्रिंटिंग प्रेस को ही प्रश्न पत्र की छपाई का काम क्यों दिया? आयोग को पहले से इसकी जानकारी थी या नहीं? यह चूक किसके स्तर पर हुई?
फरार आरोपितों की तलाश कर रही एसआइटी
शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक मामले में इओयू की विशेष जांच टीम (एसआइटी) मामले में फरार चल रहे आरोपितों की भी तलाश कर रही है. इसके लिए शनिवार को भी कई स्थानों पर छापेमारी की गयी. जांच टीम ने हजारीबाग से गिरफ्तार किये गये कांड के दो आरोपियों शिवम और अनिकेत को भी रिमांड पर लेकर पूछताछ की है. इस पूछताछ में इकाई को कई अहम जानकारी हाथ लगी है. इसको देखते हुए जल्द ही कुछ अन्य अभियुक्त को भी रिमांड पर लिया जा सकता है.
गिरफ्तार 86 महिला अभ्यर्थियों को मिली जमानत
इधर, पटना की अदालत ने बीपीएससी की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के पेपर लीक मामले में जेल में बंद 86 महिला अभ्यर्थियों को शुक्रवार को जमानत दे दी. इस मामले में आर्थिक अपराधी इकाई (इओयू) ने 16 मार्च को मामला दर्ज किया था. उक्त मामला भादवि की धारा 420, 467, 468, 120 बी और बिहार परीक्षा अधिनियम व आइटी एक्ट में दर्ज किया है. मामले में लगभग 250 लोग बेऊर जेल में बंद हैं. इओयू की टीम ने इन आरोपितों को हजारीबाग के कोहिनूर बैंक्वेट हॉल से गिरफ्तार किया था. इन लोगों के मोबाइल फोन व अन्य सामान को जब्त कर लिया गया था. सभी अभ्यर्थियों को बिहार से हजारीबाग स्थित बैंक्वेट हॉल में लाया गया था, ताकि प्रश्न पत्र देकर उसके आंसर रटाया जा सके. अभ्यर्थियों को शिक्षक परीक्षा पास कराने के लिए सेटरों ने 10 से 15 लाख में सौदा किया था.