सच्ची मोहब्बत की मिसाल : व्हील चेयर पर दूल्हे को बैठा दुल्हन ने लिये सात फेरे
चंडीगढ़ : प्यार अगर सच्चा हो, तो उसे कोई जुदा नहीं कर सकता. 12 साल पहले शुरू हुई एक प्रेम कहानी में कई मोड़ आये. लेकिन, युवती ने अपने प्यार को पाने के लिए सब कुछ दांव पर लगाते हुए उसे अपना जीवनसाथी बना लिया. चंडीगढ़ के सेक्टर-28 के रिहैब सेंटर में राहुल को व्हील चेयर पर बैठाने के बाद अनामिका ने 12 साल पुराने दोस्त के गले में वरमाला डाल दी और सात फेरे लिये. यह शादी सच्चे प्रेम की जीत है.
चंडीगढ़ : प्यार अगर सच्चा हो, तो उसे कोई जुदा नहीं कर सकता. 12 साल पहले शुरू हुई एक प्रेम कहानी में कई मोड़ आये. लेकिन, युवती ने अपने प्यार को पाने के लिए सब कुछ दांव पर लगाते हुए उसे अपना जीवनसाथी बना लिया. चंडीगढ़ के सेक्टर-28 के रिहैब सेंटर में राहुल को व्हील चेयर पर बैठाने के बाद अनामिका ने 12 साल पुराने दोस्त के गले में वरमाला डाल दी और सात फेरे लिये. यह शादी सच्चे प्रेम की जीत है.
Chandigarh Spinal Rehab Centre organised marriage of a man who became wheel-chair bound after accident, with his childhood love Anamika.
Rahul, the groom says,"Life doesn't wait for anything, it goes on."
Anamika says,"People should understand disability exists in their minds." pic.twitter.com/Uv4djGspha
— ANI (@ANI) November 23, 2020
फतेहगढ़ में रहनेवाले राहुल और अनामिका वर्ष 2000 में पड़ोसी थे. उससमय राहुल की उम्र नौ साल थी. साल 2008 से दोनों एकदूसरे को पसंद करने लगे. पसंद कब प्यार में बदल गया, दोनों को पता ही नहीं चला. दोनों साथ घूमने लगे, पड़ोसी होने के कारण दोनों का एक दूसरे के घर आना-जाना पहले से ही था.
पढ़ाई पूरी करने के बाद 13 मार्च, 2016 को राहुल अपने दोस्त के साथ नौकरी के लिए परीक्षा देने निकला. रास्ते में बाइक फिसलने के कारण वह गंभीर रूप से घायल हो गया. अस्पताल में काफी इलाज चला, लेकिन राहुल अपने पैरों पर नहीं चल सका.
डॉक्टरों ने बताया कि हादसे के कारण उसकी पीठ में गहरी चोट आयी है. शरीर का निचला हिस्सा पूरी तरह से लकवाग्रस्त हो गया है. राहुल को एक बार लगा कि अब शायद अनामिका उसकी जिंदगी में शामिल नहीं हो पायेगी. लेकिन, अनामिका ने राहुल का साथ नहीं छोड़ा.
राहुल के पिता सेना में थे और मां एवं बहन शिक्षिका हैं. ऐसे में राहुल की देखभाल करना खुद परिवार वालों के लिए चुनौती थी. मां-बहन के नौकरी पर चले जाने के बाद राहुल अकेले रह जाते थे. ऐसे में राहुल के घर जाकर अनामिका ही उनका ख्याल रखती थी.
राहुल का कहना है कि अनामिका ने उन्हें कभी महसूस ही नहीं होने दिया कि वह दिव्यांग हो चुके हैं. अनामिका ने राहुल से शादी करने का फैसला लेते हुए अपने परिजनों को समझाया. लेकिन, वह शादी के लिए राजी नहीं हुए.
चंडीगढ़ स्थित रिहैब सेंटर के संस्थापक और सीईओ निकी पी कौर ने बताया कि राहुल सितंबर में इस सेंटर में इलाज के लिए आये. उसी समय से अनामिका उनकी देखरेख कर रही है. पूरे कर्मियों को उनकी प्रेम कहानी का पता है. इसके बाद सेंटर में ही दोनों की शादी करायी गयी है. इसमें सेंटर का सभी