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बिहार में आचार संहिता के उल्लंघन पर हजारों मामलों में केस दर्ज, बैठक-भाषण से भी बुरे फंसे नेताजी

बिहार में आचार संहिता के उल्लंघन पर केस दर्ज किए जा रहे हैं. पिछले 24 घंट में हजारों केस दर्ज किए गए.

लोकसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है. चुनाव की तारीखों का ऐलान निर्वाचन आयोग के द्वारा कर दिया गया है. वहीं पूरे देश में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो चुकी है. बिहार में आदर्श आचार संहिता के प्रभावी होने के बाद अब कई चीजों पर पाबंदियां लागू कर दी गयी हैं. वहीं दिशा निर्देशों के उल्लंघन पर अब केस भी दर्ज किए जा रहे हैं. प्रदेश में बक्सर, पूर्णिया, पूर्वी चंपारण और शेखपुरा जिला में अवैध बैठक व भाषण करने को लेकर एक-एक मामले में प्रशासन द्वारा प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. इसके साथ ही मधेपुरा जिला में लाउडस्पीकर बजाने के कानून के उल्लंघन के मामले में भी एक प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.

पिछले 24 घंटे में दर्ज हुए ये मामले..

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्ययालय को जिलों से भेजे गयी रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 24 घंटों के दौरान दीवाल लेखन के कुल 4507, बिना अनुमति के पोस्टर लगाने के मामले में 20551 मामले और अन्य 1391 मामलों में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. पिछले 24 घंटों के दौरान विभिन्न चेकपोस्टों पर जांच के दौरान 17 लाख 91 हजार रुपये नगद बरामद किये गये हैं. इस दौरान 59 हजार 432 लीटर शराब की जब्ती की गयी है. इसी प्रकार से ड्रग एवं नारकोटिक्स के तहत 71 लाख की वस्तुएं जब्त की गयी है.

धारा 144 लागू..

बिहार में आचार संहिता लागू होने के बाद अब ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है. राजधानी पटना समेत अन्य जिलों में आचार संहिता लागू होने के बाद अब धारा-144 लगा दिया गया है. रात 10 से सुबह छह बजे तक लाउडस्पीकर बजाने पर रोक लगा दी गयी है. राजनीतिक दलों व प्रत्याशियों द्वारा जनसभा, जुलूस, रैली आदि निकालने के लिए अनुमति लेना अनिवार्य है.राजनीतिक दलों व संगठनों को किसी प्रकार का पोस्टर, पर्चा, आलेख, फोटो आदि या किसी व्यक्ति विशेष के विरुद्ध आपत्तिजनक पर्चा, आलेख, फोटो आदि का प्रकाशन नहीं करना है. धार्मिक स्थल का उपयोग राजनैतिक प्रचार नहीं करना है. सांप्रदायिक भावना को भड़काने वाला भाषण नहीं देना है. लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान जुबान फिसली तो चुनाव आयोग का शिकंजा कसना तय है.

पटना डीएम बोले..

पटना के डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि कोई भी व्यक्ति आग्नेयाशस्त्र, तीर-धनुष, लाठी, भाला, मानव शरीर के लिए घातक कोई भी हथियार का प्रदर्शन सार्वजनिक रूप से नहीं कर सकेंगे. चुनाव प्रचार के लिए वाहनों का इस्तेमाल केवल चुनाव आयोग द्वारा विनिर्दिष्ट पद्धति एवं प्रक्रिया से सक्षम प्राधिकार से अनुमति लेकर करना है.

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